-मरीज को दिलाई बीमारी से मुक्ति…फिर भी जान बचा लिए धरती के भगवान
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई निवासी ३९ वर्षीय व्यक्ति दिल की जटिल बीमारी एकेड्रोप्लेजीया से जूझ रहा था, जिसे आम भाषा में बौनापन कहते हैं। हालांकि, इस व्यक्ति को डॉक्टरों ने बीमारी से मुक्ति दिला दी है। बताया गया है कि देश में इस बीमारी से पीड़ित केवल तीन मरीजों में आयोर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट किया गया है।
मुंबई निवासी कपिल गाला को जन्मजात जटिल दिल की बीमारी एकेड्रोप्लेजीया था, जिसे आम भाषा में बौनापन कहा जाता है। मरीज के पैरों में अनेक विसंगतियां थीं, उसे चलने में भी परेशानी हो रही थी। इसे दूर करने के लिए पैरों की आठ सर्जरी हो चुकी थी। इस बीच कपिल को एक साल पहले अचानक पैराप्लेगिया शुरू हुआ, जिससे उसका चलना-फिरना भी बंद हो गया। इसके बाद मरीज को मुंबई के जसलोक अस्पताल में मशहूर स्पाइन सर्जन डॉ. मनीष कोठारी, न्यूरो सर्जन डॉ. राघवेंद्र राम दासी और एसोसिएट डायरेक्टर, स्ट्रक्चरल हार्ट डिपार्टमेंट के डॉ. निहार मेहता को दिखाया गया। कई चुनौतियों का करना पड़ा सामना
डॉ. निहार मेहता ने कहा कि मरीज को ऐसा उपचार प्रदान करना आवश्यक था, जो जान बचाकर नवजीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित कर सके। मरीज ने भी हमारे ऊपर विश्वास बनाकर रखा और हम उसकी ओपन हार्ट सर्जरी कर पाए।