सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने एमएसपी पर कानून बनाने के सवाल का सीधा जवाब देने की बजाय इस मुद्दे को जलेबी की तरह घुमाकर साफ कर दिया है कि वह किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं देना चाहती। पार्टी ने आरोप लगाया कि एमएसपी पर किसानों की मांग पर संसद में स्पष्ट जवाब देने से इंकार कर वादाखिलाफी की है और अन्नदाताओं की इस अनदेखी का खामियाजा सरकार को चुकाना पड़ेगा।
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मंत्री ने करीब आधे घंटे तक इधर-उधर की बातें कर केवल जलेबी परोसकर ही काम चलाया। सदन में इस मुद्दे पर अपनी बात नहीं कह पाने के मद्देनजर कांग्रेस की ओर से पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आज देश के ७२ करोड़ किसानों-खेत मजदूरों के लिए ‘काला दिन’ रहा, क्योंकि सरकार किसानों और खेत मजदूरों को एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून कभी नहीं बनाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके साथ ही किसानों के साथ सरकार की दूसरी साजिश का भी आज पर्दाफाश हो गया, जब चौहान ने एमएसपी के लिए सी२+५० प्रतिशत लाभ देने के फॉर्मूले को लागू करने से इनकार कर दिया। एमएसपी के इस फार्मूले में खेती की इनपुट लागत, पारिवारिक श्रम और किसान की जमीन का किराया शामिल है।