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गुजरात से औरंगजेब के कितने भी चेले क्यों न आ जाएं, शिवसेना को खत्म नहीं कर पाएंगे!.. संजय राऊत ने बोला हमला

औरंगजेब के कितने भी चेले गुजरात से आ जाएं, वे महाराष्ट्र में शिवसेना और ठाकरे के नेतृत्व को समाप्त नहीं कर पाएंगे। यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है। यहां केवल छत्रपति शिवाजी फैन क्लब चलता है

सामना संवाददाता / मुंबई
गुजरात से चाहे औरंगजेब के कितने भी चेले क्यों न आ जाएं, महाराष्ट्र में शिवसेना को खत्म नहीं किया जा सकता, ऐसा दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हुए कल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। वे शनिवार सुबह मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
गुजरात के दो षड्यंत्रकारी / खुरापाती नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सत्ता, धन और आतंक से हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ने की कोशिश की। पार्टी क्या निशान भी नोच कर गद्दारों के हाथ में दे दिया गया। उन्हें लगा कि शिवसेना व शिवसेना का नेतृत्व खत्म हो जाएगा, लेकिन संकट के दौरान भी शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे जिद पर अड़े रहे और पार्टी को फिर से स्थापित किया और ९ सांसदों को अलग चुनावचिह्न पर जीत दिलाई, ऐसा सांसद संजय राऊत ने कहा। अब हम विधानसभा जीतने की दिशा में मजबूत कदम उठा रहे हैं, ऐसा भी सांसद संजय राऊत ने इस दौरान कहा।
राऊत ने आगे कहा कि राज्य की जनता उद्धव ठाकरे के साथ खड़ी है। लोग जितना हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे से प्यार करते थे, उतना ही उद्धव ठाकरे से भी करते हैं। औरंगजेब फैन क्लब बीजेपी और गुजरात में है, क्योंकि औरंगजेब का जन्म वहीं हुआ था। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था और उन्हीं विचारों के साथ शिवसेना का गठन किया गया था।
कल शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर शिवसैनिक उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए ‘मातोश्री’ में जुटे, साथ ही पूरे राज्य में शुभकामनाओं के बैनर भी लगाए गए।
फडणवीस राजनीति के बरसात का छाता!
सांसद संजय राऊत ने राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भी आलोचना की। राऊत ने कहा, ‘देवेंद्र फडणवीस एक छाता हैं, जो राजनीति के बरसात के मौसम में खुलता है।’ राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में मुख्यमंत्री बनाए गए। महाराष्ट्र में भी कई अनुभवी लोगों को दरकिनार कर फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया। तब यह बात राज्य के लोगों को पता चली। उनके पास नेतृत्व करने का अच्छा अवसर था। हालांकि, उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र को कलंकित करने वाली राजनीति छल, षड्यंत्र से भरी थी।

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