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मोदी राज में चौथा स्तंभ भी पिंजरे में कैद! …गाड़ी रोककर मीडियाकर्मियों से मिले राहुल गांधी

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार अपने फैसले को लेकर हमेशा विवादों में रहती है। शासन-प्रशासन सहित तमाम स्वतंत्र जांच एजेंसियों को कब्जे में रखने वाली मोदी सरकार ने अब देश मे चौथे स्तंभ के रूप में पहचाने जानेवाले मीडिया को भी पिंजरे में कैद करने का फैसला किया है। मोदी सरकार ने अब तो संसद भवन के परिसर में सत्ता और विपक्ष के सांसदों को घेरकर बयान लेने वाले पत्रकारों पर पाबंदी लगा दी है। मतलब अब संसद के बाहर सियासत, सवाल का बवाल ही खत्म हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पत्रकारों को अब एक शीशे के कमरे में जमा होकर महज आते-जाते सांसदों की फोटो वीडियो से ही तसल्ली करनी होगी। मोदी सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। जबकि पत्रकारों ने इसका भारी विरोध किया है। विपक्ष सरकार से इस तानाशाहीभरे फैसले को रद्द करने की मांग कर रहा है। विपक्ष ने कहा कि संसद कवर करने वाले पत्रकार सांसदों से सवाल पूछते थे पर अब सवाल पूछने का कोई बवाल ही नहीं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का गुमान भी अब खत्म कर दिया है। इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि मेरी आखिरी गुजारिश है कि मीडिया वालों को चक्रव्यूह में न डाला जाए। बेचारे मीडिया वालों को बाहर निकाल दिया जाए। संसद जाने के दौरान राहुल ने अपनी गाड़ी वहीं रुकवाई जहां पर मीडियाकर्मियों को रहने के लिए कहा गया है। राहुल ने गाड़ी में बैठे-बैठे ही मीडियाकर्मियों से मुलाकात की और फिर लोकसभा के लिए रवाना हो गए।

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