सामना संवाददाता / मुंबई
ऑटोचालकों के परिवारों को चिकित्सा खर्च के लिए स्वास्थ्य बीमा शुरू करना, बच्चों की शिक्षा के खर्च के लिए ठोस निर्णय लेना, ६५ वर्ष से ऊपर के चालकों के लिए पेंशन शुरू करना, ये सभी लाभ ऑटोरिक्शा व टैक्सी कल्याणकारी मंडल से मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हजारों ऑटो-टैक्सीचालकों को फिर से निराशा हाथ लगी है। शिंदे सरकार ने संगठनों को विश्वास में लिए बिना एकतरफा मंडल की स्थापना की है, जिससे चालकों में नाराजगी है।
राज्य में कई निगमों की स्थिति दयनीय होते हुए भी राज्य सरकार ने ऑटोरिक्शा व टैक्सी (शेयर) और मीटर टैक्सी कल्याणकारी मंडल की स्थापना का सरकारी निर्णय घोषित किया है। मंडल से मिलनेवाले लाभों में स्पष्टता न होने के कारण चालकों में नाराजगी है। मंडल के कार्य की जिम्मेदारी संभालने वाले परिवहन आयुक्तालय भी इस बारे में अनजान हैं। इसलिए सरकारी निर्णय के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, ऐसा रुख परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने अपनाया है। सरकार द्वारा बनाए गए इस कल्याणकारी मंडल के अध्यक्ष परिवहन मंत्री होंगे।
मांगें रह गईं खाली
ऑटोचालकों को बिना ब्याज का कर्ज, उनकी आकस्मिक मृत्यु होने पर १० लाख रुपए तक की सहायता, वरिष्ठऑटोचालकों के लिए पेंशन, चिकित्सा और शैक्षणिक खर्च के लाभ मिलने के लिए मंडल की स्थापना की मांग की गई थी। मंडल से ऑटोचालकों को केवल ग्रेजुएटी दी जाएगी, जिसके लिए चालकों को ही हर साल ३०० रुपए देने होंगे। लेकिन सरकार इसमें कितनी रकम जोड़ेगी, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। सरकार ने एकतरफा मंडल की घोषणा करते समय संगठनों के पदाधिकारियों का मत भी नहीं लिया, ऐसा ऑटोचालक-मालक संगठन संयुक्त क्रिया समिति के अध्यक्ष शशांक राव ने बताया।
अवैध ऑटोरिक्शा की संख्या में २८ फीसदी की वृद्धि : यूनियन
मुंबई के प्रमुख ऑटो यूनियनों ने आंकड़ों को प्रस्तुत कर बताया है कि शहर में अवैध ऑटोरिक्शा चालकों की संख्या एक वर्ष में २८ फीसदी तक चिंताजनक वृद्धि के साथ २५,००० से बढ़कर ३२,००० हो गई है। प्रमुख ऑटो यूनियन, मुंबई ऑटो-रिक्शामेन यूनियन (एमएयू) ने ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ से अनुरोध किया है कि वे अवैध ऑटो के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने और अवैध चालकों को पकड़ने के लिए एक विशेष दल का गठन करें। यूनियन के कार्यकर्ताओं ने इन चालकों को पकड़ने में सहयोग देने की भी तत्परता जताई है। ऑटो-रिक्शामेन यूनियन नेता शशांक राव ने कहा कि हमने बांद्रा और कुछ अन्य क्षेत्रों में अवैध ऑटो के वाहन पंजीकरण नंबर प्रदान किए हैं और अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। ेशशांक राव ने कहा कि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और बांद्रा-ईस्ट व कुर्ला स्टेशन क्षेत्रों में अवैध ऑटो चालकों का आतंक सबसे अधिक है। वे खुलेआम सभी नियमों की अवहेलना करते हैं, मनमाना किराया वसूलते हैं और खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर अपराध करते हैं और परिणाम से बच भी जाते हैं।