सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे मनपा अंतर्गत सरकारी योजनाओं से प्रभावित लोग मनपा द्वारा दिए गए मकान में रहते हुए नहीं पाए गए तो मनपा उस मकान को सील कर देगी। बता दें कि सरकारी परियोजना प्रभावित लोगों को मनपा सस्ते किराए पर मकान देती है, लेकिन प्रभावित लोग मकान किराए पर दे देते है। इसकी जानकारी मिलने पर मनपा के रियल स्टेट विभाग की ओर से सर्वे शुरू किया गया है। सर्वे में किराए पर दिए गए घर पाए गए तो मनपा सील करने की कार्रवाई करेगी। यानी पीएपी फ्लैट किराए पर देने वाले सावधान हो जाए।
पिछले साल मनपा के रियल एस्टेट विभाग ने इसी तरह ६५ घरों को सील कर दिया था, वहीं इस वर्ष केवल चार महीने में ४० घरों को सील कर दिया गया है।
बता दें कि ठाणे मनपा के पास ६ हजार २४७ फ्लैट हैं। ८९ फीसदी फ्लैट वितरित हो चुके हैं। मनपा संपत्ति विभाग को ३२५ संपत्तियां और ६४६ भूखंडों की सूचना दी गई है। ठाणे में ११ जगहों पर किराए के मकान हैं। वहां प्रभावित लोगों को मकान दिए जा रहे हैं, वहीं मनपा को उस जगह पर रहनेवालों द्वारा किराया बकाया होने की कई शिकायतें मिली हैं। मनपा घरों का किराए के रूप में प्रतिमाह २,००० रुपए ले रही है। हालांकि, पिछले वित्तीय वर्ष में कुछ प्रभावित लोगों द्वारा वही मकान दूसरों को किराए पर देने का मामला सामने आया था। यह भी खुलासा हुआ है कि २ हजार रुपए की जगह ७ से १० हजार रुपए वसूले जाते हैं। मनपा संपत्ति विभाग ने घरों का दुरुपयोग होने पर उन्हें दोबारा कब्जे में लेने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। वास्तव में उन संपत्तियों का उपयोग किसलिए किया जा रहा है, इसकी जांच की जाएगी।
क्या कहती है मनपा
पिछले वर्ष घर किराए पर देनेवालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करते हुए ६५ घरों को सील कर दिया गया था। साथ ही २ करोड़ २७ लाख का जुर्माना भी वसूला गया था। इसी तरह इस वर्ष भी पिछले चार महीनों में अन्य ४० घरों को सील किया गया है। इससे २ करोड़ ३८ लाख का जुर्माना वसूला गया है। सर्वे के माध्यम से उन घरों का पंजीकरण किया जाएगा। उपायुक्त मनीष जोशी ने बताया कि सर्वे में यदि इन घरों का दुरुपयोग किया जा रहा है तो मनपा उन घरों को अपने कब्जे में ले लेगी।