-पुलिस के पास मदद के लिए आए ३६,००० कॉल्स
-पिछले साल आए थे ९० हजार कॉल्स
सामना संवाददाता / मुंबई
आज राह चलती लूट की घटनाएं कम नहीं हुई हैं बल्कि अब अपराध का तरीका बदल गया है। आज लुटेरे साइबर क्राइम करके लूट को अंजाम दे रहे हैं। मुंबईकर इस तरह की लूट की घटनाओं का बड़ी संख्या में शिकार हो रहे हैं। गत सात महीनों में मुंबईकरों के ६५० करोड़ रुपए साइबर लुटेरों ने उड़ा डाले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से लेकर जुलाई तक ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए मुंबईकरों ने साइबर क्राइम ब्रांच के नंबर १९३० पर ३६,००० कॉल की हैं। इनके अलावा जो सबसे ज्यादा शिकायत प्राप्त हुई हैं, उनमें ट्रेडिंग से जुड़े निवेश को लेकर थी, फेडएक्स और दूसरे कोरियर स्वैâम से जुड़ी कॉलें, डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन टास्क प्रâॉड और कई शिकायतें प्राप्त हुईं। अधिकारी ने आगे बताया कि प्रक्रिया के तहत पुलिस ने तुरंत नोडल अधिकारियों को सूचित किया और उनका सहयोग लिया, इसमें बैंक, वॉलेट सुविधा मुहैया कराने वालों की भी धर-पकड़ की गई। साइबर पुलिस ने १०० करोड़ रुपए से कुछ अधिक रिकवर भी किया है। ये सभी रिकवरी थर्ड पार्टी को ट्रांसफर होने से पहले की है। पिछले साल पुलिस को मुंबई में ऐसे अपराधों से जुड़ी करीब ९१,३५७ कॉल आई, जिसमें कुल २६२ करोड़ रुपए लोगों ने गंवाएं थे। अधिकारियों ने उसमें करीब २६ करोड़ रुपए थर्ड पार्टी को ट्रांसफर होने से पहले रिकवर भी किए थे।
‘गोल्डेन आवर’ में रिकवरी की संभावना ज्यादा
ऐसे अपराधों से निपटने के लिए आप बस १९३० पर कॉल करें, इसके बाद रुपयों को रिकवर करने का काम पुलिस का है। पुलिस के अनुसार, करीब ३ पुलिस अधिकारी और ५० बैकहेंड अधिकारी रोजाना तीन शिफ्ट में काम करते हैं। जैसे ही हमें कॉल आता है, वैसे ही अकाउंट को प्रâीज करने की प्रक्रिया में लग जाते हैं। इसे हम गोल्डेन ऑवर में गिनते हैं, जो कि हमारे लिए बेहद अहम है, आपको बस अपराध के दो घंटे के भीतर ट्रांसफर हुए रुपयों की जांच और उसे रिकवर करने के लिए पुलिस को कॉल करना होता है, जिसे लेकर पुलिस की प्राथमिकता रहती है कि किसी भी तरह रिकवर कर लिया जाए। इन दो घंटों से ज्यादा समय बीत जाने पर माना जाता है कि रुपयों को रिकवर करने की संभावना बहुत कम हो जाती है।