सामना संवाददाता / मुंबई
देवेंद्र फडणवीस झूठ बोल रहे हैं। परमवीर सिंह और फडणवीस के बीच डील हुई थी। इस तरह का गंभीर आरोप पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने लगाया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अनिल देशमुख ने सवाल पूछा था कि महायुति सरकार ने आज तक चांदिवाल रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की? इसका जवाब देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि यह रिपोर्ट महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में पेश हुई थी। इस पर अनिल देशमुख ने कहा कि फिलहाल, वह रिपोर्ट सार्वजनिक करने से पहले ही ४० विधायकों को ५० करोड़ रुपए देकर फडणवीस ने सरकार को ही गिरा दिया।
परमवीर सिंह थे मास्टरमाइंड
अनिल देशमुख ने कहा कि जब मैं गृहमंत्री था, तब परमवीर सिंह मुंबई के पुलिस आयुक्त थे और फडणवीस विरोधी पक्षनेता थे। फडणवीस ने कहा था कि मैं परमवीर सिंह को यह वैâसे कह सकता हूं कि अनिल देशमुख पर आरोप लगाओ, लेकिन जिस समय मैं गृहमंत्री था, उस समय मुकेश अंबानी के आवास के सामने एक स्कॉर्पियों में विस्फोटक रखा गया था। उसके बाद कार मालिक की भी हत्या हो गई। इन दोनों अपराधों में मुंबई पुलिस के तत्कालीन आयुक्त परमवीर सिंह मास्टरमाइंड थे। सिंह को एनआईए गिरफ्तार करनेवाली थी, तब परमवीर सिंह और फडणवीस में बातचीत हुई।
परमवीर सिंह फडणवीस की शरण में पहुंचे और गिरफ्तार न करने का उन्होंने आग्रह किया। इसका लाभ उठाते हुए उस समय हमारी सरकार को गिराने के लिए फडणवीस ने सिंह को मुझ पर आरोप लगाने के लिए कहा। इस तरह की डील उनमें हुई थी, इसीलिए ही सिंह ने मुझ पर आरोप लगाए थे।
-अनिल देशमुख, पूर्व गृहमंत्री