मुख्यपृष्ठनए समाचारसरकार बदलने का भय! ... मूल विभाग की ओर चले अधिकारी

सरकार बदलने का भय! … मूल विभाग की ओर चले अधिकारी

-आचार संहिता से पहले तबादलों का दौर शुरू
-राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा हुए तबादले
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में महायुति सरकार के आते ही कई अधिकारी अपने मूल विभाग को छोड़ मंत्रालय में विभिन्न मंत्रियों की सेवा में पहुंच गए। हालांकि, विधानसभा चुनाव होने के बाद सरकार बदलने की चर्चाएं अभी से ही शुरू हो गई हैं। इसलिए अगले बदलाव की आहट मिलते ही आचार संहिता लागू होने से पहले ही अधिकारी अपने मूल विभाग की ओर लौटने लगे हैं। ऐसे में तबादलों का सिलसिला शुरू हो गया है। साथ ही सबसे ज्यादा तबादले राजस्व विभाग में हो रहे हैं।
राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने सिफारिश करते हुए मूल खाते से मंत्री कार्यालय में खुद को सेवारत कर लिया है। इसके लिए ये अधिकारी विधायकों और सांसदों के पत्र लेकर पहुंचे थे, लेकिन अब इन अधिकारियों को विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदलने के संकेत मिल रहे हैं। इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले राजस्व विभाग में तबादलों का दौर शुरू हो गया है। उपजिलाधिकारी और तहसीलदार श्रेणी के कई अधिकारियों के तबादलों के आदेश जारी किए गए। विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के निर्देश पर इन अधिकारियों का तबादला किया गया है।
इस तरह हुए तबादले
मुंबई समेत कोकण विभाग से २३, पुणे राजस्व विभाग से १३, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और अमरावती विभाग से १०-१० उपजिलाधिकारियों का तबादला किया गया है।
राजस्व विभाग द्वारा विभिन्न विभागों में ६० से अधिक तहसीलदारों का तबादला कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रिमंडल के अधिकारी अपने मूल विभाग में लौट रहे हैं, जो हैरान कर रहा है।
हर साल होते हैं ३० फीसदी ट्रांसफर
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले कई अधिकारी तबादला कराने के लिए दौड़ रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार के अधीन काम करनेवाले करीब एक लाख बीस हजार कर्मचारी हैं, जिनमें से औसतन ३० फीसदी यानी करीब ४० हजार कर्मचारियों का नियमित तबादला होते रहता है।

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