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लोगों की सहनशक्ति का इम्तिहान न लें!..बांग्लादेश में जो हुआ, उसे ध्यान रखें…उद्धव ठाकरे की केंद्र सरकार को नसीहत

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

इंडिया गठबंधन एकजुट होकर आगामी चुनावों का सामना करेगा। उन्होंने कहा कि आनेवाले महीनों में महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में चुनाव होंगे। इस संबंध में इंडिया गठबंधन के रूप में हमें एकजुट होकर लड़ना है और हम एक-दूसरे का सहयोग वैâसे कर सकते हैं, इस पर चर्चा करने की आवश्यकता है। हम एक-दूसरे के संपर्क में हैं ही, लेकिन हमें साथ बैठकर फायदे और नुकसान पर भी चर्चा करनी चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसीलिए हम दिल्ली आए।

मुझे औरंगजेब फैन क्लब का अध्यक्ष कहते हो न, फिर अब हिम्मत है तो बांग्लादेश में जाकर वहां के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोककर दिखाओ। इस तरह की चुनौती शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को दी है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी। अब शेख हसीना को हिंदुस्थान में आश्रय देनेवाली मोदी सरकार को बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा करनी चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है। उद्धव ठाकरे तीन दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हम देख रहे हैं कि जनता का संयम टूटते जा रहा है।
इजराइल में भी लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे। प्रधानमंत्री घर के बाहर नहीं निकल पा रहे थे। श्रीलंका में भी ऐसा ही हुआ था। हम पाकिस्तान की स्थिति भी देख रहे हैं। ऐसी अराजकता कहीं भी हो सकती है। कुल मिलाकर शासक को आम जनता की सहनशीलता का अंत नहीं देखना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि जनता की अदालत क्या होती है, यह समय-समय पर देखा गया है और बांग्लादेश की जनता ने भी ये दिखाया है।
‘मुंबई का शत्रु, शिवसेना का शत्रु’
धारावी के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिवसेना की स्थिति साफ है। धारावीकरों को उनके रोजगार के साथ फिर से वहीं बसाया जाए। धारावी के लोगों को अपात्र ठहराकर मुंबई में एक धारावी को २० धारावी बनाने की साजिश घाती सरकार की ओर से अडानी के माध्यम से चल रही है। शिवसेना ऐसा नहीं होने देगी। उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि चाहे कोई भी आए, मुंबई को बर्बाद नहीं होने देंगे। धारावी में हर किसी के पास घर पर ही रोजगार है। इसका भी प्रावधान प्रोजेक्ट में किया जाना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि धारावी का प्रारूप ही अभी तक सामने नहीं आया है। इसे लोगों के सामने लाना चाहिए। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि धारावी के लोगों को मीठागर में फेंक दिया जाएगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अडानी उनके शत्रु नहीं हैं, लेकिन मुंबई का शत्रु मेरा और मुंबईकरों का शत्रु है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि शरद पवार भी मुंबई को बर्बाद नहीं होने देंगे। दहिसर, मुलुंड टोल नाका, कुर्ला मदर डेयरी सहित बीस जगह धारावी के टेंडर में नहीं थीं और ठेकेदारों को भी कोई रियायत नहीं दी गई थी। वहां का टीडीआर हटा दिया गया है। इसके उपयोग की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है। टेंडर के नियमों और शर्तों से अडानी संतुष्ट नहीं हैं, वैसा बोलें और नया टेंडर जारी करिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब तक खारलैंड की जमीन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था, जिसे अब अडानी को दिया जा रहा था। अडानी को एयरपोर्ट के लिए जमीन का एक बड़ा भूखंड बांद्रा रिक्लेमेशन दिया गया है। उन्होंने यह भी पूछा कि वहां ट्रांजिट कैंप क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं।
मणिपुर नहीं जा रहे, बांग्लादेश तो जाएं, हिंदुत्व को बचाएं!

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मणिपुर जल रहा है। कश्मीर में भी हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। अगर बांग्लादेश में भी हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, तो हिंदुओं की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी-शाह मणिपुर नहीं जा रहे हैं, लेकिन उन्हें बांग्लादेश जाकर हिंदुओं पर अत्याचार बंद कराना चाहिए। इस तरह का तंज कसते हुए उन्होंने मांग की कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं तो सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए।
यूक्रेन-रूस रोकते हो, फिर मोदी पापा रोके बांग्लादेश की अराजकता!
बांग्लादेश के हालात को लेकर केंद्र ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद नहीं थे। अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस पर उद्धव ठाकरे ने सवाल पूछा है कि क्या सर्वदलीय बैठक सिर्फ यह बताने के लिए थी कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। भाजपा नेता कहते हैं कि मोदी पापा ने यूक्रेन-रूस वॉर रोका। इस पर उद्धव ठाकरे ने निशाना साधते हुए कहा कि फिर उन पापा को बांग्लादेश में फैली अराजकता को रोकना चाहिए।
बांग्लादेश की स्थिति हिंदुस्थान के लिए एक चेतावनी
उद्धव ठाकरे ने मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि विनेश पर हमें अभिमान है। उसने न्याय के लिए आंदोलन किया था। उसे भी दहशतवादी बोला गया था। दिल्ली में आंदोलन करनेवाले किसानों को भी आतंकी कहा गया। बांग्लादेश में भी आंदोलनकारियों को आतंकी कहा गया। उन पर रजाकार होने का भी आरोप लगाया गया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति हिंदुस्थान के लिए एक चेतावनी है। भगवान से ऊपर कोई नहीं, हम तो इंसान हैं। मराठी में एक कहावत है, ‘ईश्वर देता है और कर्म छीन लेता है।’
गद्दारों को क्षमा नहीं
सांगली से सांसद विशाल पाटील और विधायक विश्वजीत कदम ने भी कल उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उनके मविआ में शामिल होने की अटकलों का जवाब देते हुए कहा कि विशाल, विश्वजीत, चंद्रहार पाटील युवा हैं। अगर मुझसे कोई गलती हो जाती है तो मैं मन में किसी तरह का गुस्सा रखनेवालों में से नहीं हूं। उस समय जो नहीं होना चाहिए वह हुआ। ये सच है कि चंद्रहार नहीं जीते, लेकिन एक बात तय है कि हमने भाजपा को हरा दिया। उद्धव ठाकरे ने आश्वासन दिया कि अतीत में की गई गलतियां भविष्य में नहीं दोहराई जाएंगी और अगर वे महाविकास आघाड़ी परिवार में आ रहे हैं, तो हम अगले चुनाव में एक साथ आएंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि विशाल और विश्वजीत ने शिवसेना नहीं तोड़ी थी, गद्दारों ने शिवसेना तोड़ी, चुराई और शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने महाराष्ट्र लुटेरों के चरणों में प्रवाहित कर दिया है। उन्हें क्षमा नहीं। शिवसेना छोड़ चुके कई विधायक कहते हैं कि उद्धव ठाकरे ने बतौर मुख्यमंत्री कई अच्छे काम किए। यह पत्रकारों के कहते ही तीखा तंज कसते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ लोग पीछे रहते हुए मदद कर रहे होंगे तो क्या आपत्ति नहीं है।
१५ लाख कैसे हो गया १,५००?
घाती सरकार की लाडली बहन योजना पर तंज कसते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि साल २०१४ में हर व्यक्ति के खाते में १५ लाख रुपए आनेवाले थे। उस १५ लाख का १,५०० रुपए वैâसे हो गया? बाकी का शून्य किसकी जेब में गए? इस तरह का सवाल उद्धव ठाकरे ने पूछा। महाराष्ट्र से उठाकर सब कुछ गुजरात ले जा रहे हैं। क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र को खरोंचने के लिए १,५०० मिलेंगे? महाराष्ट्र की जनता इतनी मजबूर नहीं है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र रिश्वतखोर नहीं है, रिश्वत स्वीकार नहीं करेगा।
गोलमाल करनेवाले लोगों को
समझ में नहीं आ रही योजनाएं?
महाविकास आघाड़ी सरकार आने के बाद भी इस योजना को जारी रखने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने ‘इंडिया’ गठबंधन के लोकसभा घोषणापत्र का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना कांग्रेस के घोषणापत्र में थी। इंडिया गठबंधन की सरकार आने के बाद इसके तहत महिलाओं को साढ़े आठ हजार रुपए प्रति माह का भुगतान किया जाना था। अब अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो साढ़े आठ हजार क्यों नहीं दे रही? बहन को दो, लेकिन भाइयों का क्या? कौशल विकास की पुरानी योजना है, जिसमें वजीफा मिलना था। आज उसे ‘लाडका भाऊ’ के ​​रूप में लाई जा रही है। क्या गोलमाल करनेवाले कुछ लोगों को ये योजनाएं समझ में नहीं आ रहीं क्या? इस तरह का हमला उद्धव ठाकरे ने घाती सरकार पर बोला।
लाचारों के सामने नहीं झुका शिवराय का महाराष्ट्र
किसानों को गारंटी मूल्य नहीं मिलता। कितने दिनों तक स्वाभिमानी महाराष्ट्र को आप पर निर्भर बनाए रखेंगे? महाराष्ट्र अपना अधिकार मांग रहा है। नौकरी मांगते हो और आप उद्योगों को गुजरात ले जाते हो। साथ ही भीख के रूप में पंद्रह सौ रुपए देते हो। इस तरह का हमला उद्धव ठाकरे ने किया।
मुख्य न्यायाधीश ने समय पर दवा दी, तो लोकतंत्र जीवित रहेगा
विधायकों की अयोग्यता के मामले का पैâसला लटकने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि न्यायालय से न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि उचित समय पर इलाज होने पर ही मरीज बच सकता है, यह सभी ने कोरोना काल में देखा है। मुख्य न्यायाधीश को भी मरीज की स्थिति को समझना चाहिए और समय पर दवा मिलनी चाहिए, ताकि लोकतंत्र जीवित रह सके। नहीं तो जनता का न्यायालय है ही और वह सर्वोच्च हैं, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।
सर्वसम्मति से तय किया जाएगा मुख्यमंत्री
महाविकास आघाड़ी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार तय करेगी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए बनी है। मुख्यमंत्री का चेहरा हम आसानी से तय कर सकते हैं, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।

‘इंडिया आघाड़ी की जीत का दौर कायम रहेगा’
लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता के बाद उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक में विधानसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया। तीनों नेताओं ने देश और महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की और आगामी चुनाव के लिए रणनीति बनाई।
उद्धव ठाकरे ने कल राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। लोकसभा चुनाव के बाद ये तीनों नेता कल पहली बार एक साथ आए। इस मौके पर उन्होंने देश और महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। महाराष्ट्र में खासकर लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के शानदार प्रदर्शन की व्यापक चर्चा हुई।
विधानसभा चुनाव में तीनों पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मिलकर शानदार जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनाव में इसे दोहराने का संकल्प भी इसी समय लिया गया। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने सुझाव दिया कि इंडिया गठबंधन के घटक दलों को समय-समय पर बैठक करनी चाहिए और चर्चा के बाद रणनीति बनानी चाहिए। इस अवसर पर शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत, युवासेना प्रमुख व सांसद आदित्य ठाकरे भी उपस्थित थे।
‘मोदी को योगी नहीं चाहिए, इसलिए यूपी में पॉलिटिक्स शुरू’
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ राजनीति हो रही है। इसके लिए उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ की है। मोदी के चेहरे से जीत हासिल न होने के कारण भाजपा में दूसरे विकल्प की चर्चा हो रही है। इसी कारण योगी को दूर करने की राजनीति चल रही है। उन्होंने मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान का भी उदाहरण दिया। शिवराज के चेहरे पर भाजपा ने जीत हासिल की, लेकिन मुख्यमंत्री बनाने के बजाय उन्हें ‘मामा’ बना दिया, ऐसा तंज भी उद्धव ठाकरे ने कसा। नाराजगी न हो इसलिए बाद में शिवराज को लोकसभा में लड़ाया गया और उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें बड़ी जीत मिली।

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