– राज्य में नहीं चलेगा मोदी का चेहरा
– किसानों की आत्महत्याएं हुई दोगुनी
सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने को कहा था। किसानों की आय में वृद्धि तो दूर रही, बल्कि उनकी आत्महत्याएं जरूर दोगुनी हो गई हैं। इस तरह का जोरदार हमला राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने किया। उन्होंने कहा कि आज आप इतने धूप में यहां उपस्थित हुए हैं। इसे देखकर यह स्पष्ट हो रहा है कि जनता बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रही है और वह विधानसभा चुनाव में भी हमारे साथ है। ऐसे में राज्य में नरेंद्र मोदी का चेहरा नहीं चलेगा।
सोलापुर के बार्शी में रविवार को आयोजित शरद किसान संवाद सम्मेलन में शरद पवार बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अन्याय और जुल्म करनेवाली सरकार को गिरा दें। शरद पवार ने कहा कि हमने किसानों को समर्थन मूल्य दिया और कहा कि किसानों के सिर से बोझ कम करना चाहिए। हमने ८० हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया। हमारी सरकार में किसानों के उत्पादन खर्च का ध्यान रखते हुए किसानों को समर्थन मूल्य दिया गया। अधिक उत्पादन होने के बाद किसानों का उत्पाद विश्व बाजार में पहुंचाने के लिए हमने विचार किया। हमारी सरकार ने फल बागन जैसी योजना लाई थी, जिससे किसानों को बहुत फायदा हुआ। शरद पवार ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों के लिए बहुत काम किया था और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लाई थीं।
नीति बदलनी है तो…
शरद पवार ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि आज केंद्र में मोदी की सरकार है, कई राज्यों में उनकी सत्ता है। लेकिन इस सत्ता का उपयोग किसानों के लिए नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में ४०० सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा को ३०० सीटें भी नहीं मिलीं। शरद पवार ने कहा कि हमारे बीच कोई बड़ा भाई या छोटा भाई नहीं है। हमारा एकमात्र उद्देश्य इस सरकार को पराजित करना है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और बिहार के मतदाताओं के सहारे केंद्र सरकार सत्ता में आई है। यदि सरकार की नीतियों को बदलना है तो सरकार को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि अन्याय और अत्याचार करने वाली सरकार को सत्ता से हटाया जाना चाहिए।
मराठा आरक्षण पर रखी बात
शरद पवार ने मराठा आरक्षण पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि हम जाति या वर्ग को नहीं देखते हुए विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी देंगे। शरद पवार ने कहा कि साल २०१४ में देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज को आरक्षण देने का वादा किया था।