अब शुरू किया सर्वे नियमों की उड़ाई जा रही है धज्जियां
सामना संवाददाता / ठाणे
दिल्ली स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से ३ छात्रों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने कई कोचिंग क्लासेस पर ताला लगा दिया था, लेकिन इस घटना की पुनरावृत्ति ठाणे शहर में भी हो सकती है क्योंकि यहां भी अवैध तरीके से कई कोचिंग क्लासेस बेसमेंट में चलाए जा रहे हैं, जो कि छात्रों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इस बात का जिक्र खुद ठाणे मनपा ने अपने एक सर्वे में किया है। हालांकि, अभी तक ठाणे मनपा की तरफ से इस सर्वे को सार्वजनिक नहीं किया गया है और न ही किसी कोचिंग सेंटर को नोटिस भेजी गई है इसलिए अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
माता-पिता नहीं देते हैं ध्यान
क्या वाकई बच्चों को ट्यूशन भेजना जरूरी है? यह जांचना माता-पिता की जिम्मेदारी है कि हम जिस ट्यूशन में भेज रहे हैं वह वैâसा है? किस जगह पर है और वहां उनके बच्चे की सुरक्षा क्या है? लेकिन अधिकांश माता-पिता इस पर ध्यान नहीं देते हैं। इन तहखानों में अवैध रूप से कई ट्यूटोरियल चलाए जाते हैं। हमने ट्यूशन प्रâी स्कूल पहल शुरू की है। क्षेत्र में कई घरों में शैक्षणिक माहौल नहीं है, इसलिए माता-पिता अपने बच्चे को कहीं न कहीं पढ़ने के लिए भेजते हैं। माता-पिता की मानसिकता यह है कि दूसरा बच्चा वहां जाता है इस वजह से माता-पिता अपने बच्चे को वहां भेजते हैं।
– सुरेंद्र दिघे, वरिष्ठ शिक्षा विशेषज्ञ
पैसे के लिए जान के साथ खिलवाड़
निजी कक्षाएं स्टेशन क्षेत्र में संकरे स्थानों पर संचालित की जाती हैं और वे व्यावसायिक परिसर में संचालित की जाती हैं। माता-पिता अपने बच्चे का प्रवेश उसी कक्षा में कराते हैं, जिसमें भीड़ अधिक होती है और प्रवेश के समय जिस कक्षा का परिणाम अच्छा आता है। समस्या यह है कि छोटी जगह होने के बावजूद वहां प्राइवेट कक्षाएं चलाई जाती हैं। कई कक्षाएं छात्रों को आकर्षित करने के लिए अपने परिणाम लाने के लिए तीन से चार कक्षाओं को जोड़ती हैं, लेकिन मूल वर्ग यह जांच नहीं करता कि प्रदर्शित परिणाम किस वर्ग का है।
-सतीश देशमुख, अध्यक्ष, कोचिंग कक्षा निदेशक संघ