– उप-राज्यपाल के निर्णय से ‘आप’ नेता नाखुश
रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
राजधानी में अजीबोगरीब किस्म के विवाद सरकार और उप-राज्यपाल के बीच उपजते रहते हैं। इस कड़ी में पिछले दो सप्ताह से झंडा विवाद भी गरमाया हुआ था। 15 अगस्त को झंडा कौन फराएगा, इसको लेकर दिल्ली सरकार और एलजी में जंग छिड़ी थी। लेकिन मंगलवार को विवाद का पटाक्षेप हो गया। तय हुआ है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली सरकार से कौन से मंत्री को झंडा फहराने की इजाजत होगी। उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वजारोहण की इजाजत दी है।जबकि,अरविंद केजरीवाल की ओर से शिक्षा मंत्री आतिशी के नाम की सिफारिश एलजी को भेजी गई थी, जिसे एलजी कार्यालय ने नहीं मानी।
मालूम हो, यूटी राज्य के नियम पूर्ण राज्यों से अलग होते हैं। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में झंडा फहराने के लिए उप-राज्यपाल से इजाजत लेनी होती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस वक्त कथित शराब घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद है। उनकी जगह सरकार से कौन सा मंत्री 15 अगस्त पर झंडा फहराएगा, इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने अरविंद केजरीवाल की सलाह पर मंत्री आतिशी का नाम एलजी के पास स्वीकृति के लिए भेजा था, जिस पर एलजी ने आतिशी की जगह मंत्री कैलाश गहलोत के नाम पर मुहर लगाई है। फिलहाल एलजी के निर्णय से पार्टी नेता खुश नहीं है।