सामना संवाददाता / भायंदर
मीरा-भायंदर में स्थित गोल्डन नेस्ट की इंद्रबहादुर सिंह लाइब्रेरी और भायंदर-पश्चिम के नगर भवन की लाइब्रेरी दोनों ही बुरी हालत में हैं। दीवारों से हो रहे लीकेज और सीलन की समस्या ने इन लाइब्रेरियों को बर्बाद कर दिया है। दो साल पहले ही उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों उद्घाटित इंद्रबहादुर सिंह लाइब्रेरी में लीकेज की समस्या ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है। सिर्फ दो साल में ही इतनी महंगी और प्रतिष्ठित लाइब्रेरी की दीवारों से पानी टपकने लगा है, जिससे किताबें खराब हो रही हैं और लाइब्रेरी के अंदर दुर्गंध फैल रही है।
सीलन से भरी दीवारों में खुले बिजली के तारों से करंट फैल रहा है, जिससे लाइब्रेरी में अध्ययन करने आने वाले सैकड़ों विद्यार्थियों की जान खतरे में है। इंद्रबहादुर सिंह लाइब्रेरी के संचालक संतोष दुबे बताते हैं कि कई बार दीवारों में करंट आ जाने की वजह से लाइब्रेरी को बंद करना पड़ जाता है। यह स्थिति न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में किसी गंभीर हादसे का भी संकेत देती है।
भायंदर-पश्चिम स्थित नगर भवन की लाइब्रेरी, जो कि शहर की सबसे पुरानी लाइब्रेरी है, भी लीकेज और सीलन की समस्या से जूझ रही है। नगर भवन की ३० साल पुरानी इमारत में ऊपर के शौचालय से हो रहे लीकेज के कारण लाइब्रेरी की दीवारें खराब हो रही हैं। सीलन से न केवल लाइब्रेरी के फर्नीचर को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नेता रवि व्यास ने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।