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अटल सेतु के निर्माण के कारण ठाणे क्रीक में घट गईं मछलियां! …६० फीसदी की आई कमी

कोली समुदाय ने सरकार से मांगा मुआवजा
मुंबई हाई कोर्ट में दायर हुई याचिका
आगामी २८ अगस्त को होगी सुनवाई
सामना संवाददाता / मुंबई
अटल सेतु के कारण ठाणे क्रीक में मछलियां काफी कम हो गई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ठाणे क्रीक में मछलियों की संख्या में ६० फीसदी की कमी आई है। इससे मछुआरों की रोजी-रोटी खासी प्रभावित हुई है। इस कारण मछुआरे अब मुआवजा मांगने के लिए मुंबई हाई कोर्ट पहुंचे हैं।
हाल ही में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। मुंबई को नई मुंबई से जोड़ने के लिए बनाए गए २१.८ किलोमीटर लंबे पुल ने कथित तौर पर हजारों मछुआरों की आजीविका को बाधित कर दिया है। ये मछुआरे अपनी आय के लिए ठाणे क्रीक पर निर्भर हैं। इस याचिका को ‘मारी आई मछीमार सहकारी संस्था मर्यादित’ ने दायर किया है। इस संस्था से सात पारंपरिक मछली पकड़ने वाले गांवों (कोलीवाड़ा) के कोली समुदाय के १,२१० सदस्य जुड़े हुए हैं। संस्था का दावा है कि अटल सेतु के निर्माण के परिणामस्वरूप क्रीक के भीतर मछली के स्टॉक में काफी कमी आई है। प्रभावित गांवों में वाशीगांव, जुहूगांव, कोपरखैरणे, घनसोली, गोठीवली, दिवा और बेलापुर शामिल हैं। संस्था ने तर्क दिया है कि समुदाय की पारंपरिक मछली पकड़ने की गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा है। अधिवक्ता जमान अली के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार, २०१८ में निर्माण शुरू होने के बाद से मछली स्टॉक में ६० फीसदी की कमी आई है। इस महत्वपूर्ण नुकसान ने महाराष्ट्र में अनुसूचित जनजाति कोली समुदाय की आय और आजीविका को सीधे प्रभावित किया है, जिसका ठाणे क्रीक में मछली पकड़ने से ऐतिहासिक संबंध है। इन अच्छी तरह से प्रलेखित प्रभावों के बावजूद, समुदाय को परियोजना के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए डिजाइन की गई मुआवजा योजनाओं से बाहर रखा गया है। याचिका में स्थानीय मछली पकड़ने वाले गांवों पर सेतु के प्रभाव का आकलन करने के लिए मत्स्य विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षणों की एक शृंखला पर प्रकाश डाला गया है। फरवरी २०२१ में याचिकाकर्ताओं के निवास वाले दस गांवों पर ध्यान केंद्रित करते हुए तीसरा सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण रिपोर्ट में मछली उत्पादन में भारी गिरावट का संकेत दिया गया है।

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