– पैदल चलनेवालों के लिए नहीं बची जगह
अशोक तिवारी / मुंबई
मुंबई में फेरीवालों के अतिक्रमण से पैदल चलनेवाली जनता के लिए आम फुटपाथ गायब से हो गए हैं। फेरीवालों ने फुटपाथ के साथ सड़क पर भी कब्जा जमा लिया है, जिसकी वजह से सड़क पर यातायात के लिए वाहनों को आधे से भी कम जगह मिल पाती है। इसका नतीजा यह है कि पूरे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम आम बात है। जो दूरी वाहन द्वारा मात्र १० मिनट में तय की जा सकती है उसे तय करने के लिए जनता को आधे घंटे से अधिक का समय वाहन में बिताना पड़ता है। इसकी वजह से डीजल और पेट्रोल जलने से देश को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके अलावा प्रदूषण की वजह से मुंबईकर विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। महानगरपालिका और पुलिस प्रशासन फेरीवालों द्वारा अतिक्रमण की गई इन जगहों को मुक्त कराने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन दोनों ही डिपार्टमेंट अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। सूत्रों का दावा है कि मनपा और पुलिस दोनों फेरीवालों से हफ्ता लेकर उन्हें संरक्षण देते हैं। अंधेरी रेलवे स्टेशन में पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व की ओर आने और जाने के लिए एसवी रोड से एक पब्लिक ब्रिज बनाया गया है। इस पब्लिक ब्रिज पर दोनों तरफ फेरीवाले अवैध रूप से अपना धंधा लगाकर धंधा कर रहे हैं। नागरिकों को पैदल चलने के लिए इस ब्रिज पर बमुश्किल ४ से ५ फीट जगह बची हुई है। भीड़-भाड़ वाले समय में मनचलों द्वारा महिलाओं के साथ छेड़खानी जैसी घटनाएं भी हो जाती हैं। एक यात्री ने बताया कि विरोध करने पर फेरीवाले गाली-गलौज और मारपीट पर उतर आते हैं। अगर फेरीवालों की शिकायत जीआरपी में की जाए तो वह बोलते हैं आरपीएफ में जाओ और आरपीएफ वाले कहते हैं कि जीआरपी में जाओ। कुल मिलाकर, फेरीवालों के आतंक से जनता त्रस्त है। स्थानीय रेल यात्रियों ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से इस ब्रिज को फेरीवालों के अतिक्रमण से मुक्त करने की मांग की है।