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कुर्सी बचाने के लिए महायुति सरकार कहेगी, चांद भी लाकर देता हूं!-जयंत पाटील का तंज

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार को अब कुर्सी की चिंता सता रही है। कुर्सी बचाने के लिए जनता ने यदि चांद भी मांगा तो यह सरकार उसे भी लाने का वादा कर देगी। इस तरह का तंज राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कल किया।
जयंत पाटील ने तंज कसते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस-अजीत पवार की सरकार राज्य के खजाने को किस तरह से बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी करीब ३ लाख ८५ हजार किलोमीटर है। इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान को चंद्रमा पर भेजने के लिए केवल ६०० करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन महायुति सरकार अलीबाग से विरार तक ९६ किलोमीटर सड़क के लिए २६ हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। दादा ने पहले बिना देखे ही फाइल पर कर दिए हस्ताक्षर जयंत पाटील ने इस दौरान वित्त मंत्री अजीत पवार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह समझने के बाद कि शिंदे-फडणवीस कहीं भी हस्ताक्षर ले लेते हैं, यह समझ में आने के बाद अजीत पवार अब बिना देखे फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। जयंत पाटील ने कहा कि इसका मतलब है कि उन्होंने पहले बिना देखे ही हस्ताक्षर कर दिए थे। सरकार की ओर से घोषित कई योजनाएं सिर्फ ढाई महीने के लिए हैं। ऊपर से कहते हैं कि हमें वोट दो, नहीं तो हम पैसा निकाल लेंगे। लेकिन जयंत पाटील ने आश्वासन दिया कि अगर महाविकास आघाडी की सरकार आती है तो वह मौजूदा योजना को बंद नहीं करेगी, बल्कि इसे बड़े रूप में लागू करेगी। जयंत पाटील ने आगे कहा कि सरकार ने विज्ञापन के लिए २८० करोड़ रुपए अलग रखे हैं। पेपर खोलने पर एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री दिखाई देते हैं, क्योंकि उन्हें प्रचार पर दो महीने में २८० करोड़ रुपए खर्च करने हैं। अब सरकार ने योजना दूतों की नियुक्ति कर दी है और उनके लिए ३०० करोड़ रुपए रखे हैं।

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