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ब्रेकिंग ब्लंडर : गुलाबी राजनीति के नाम…

राजेश विक्रांत
अपने महाराष्ट्र में फिलहाल सत्ताधारी राजनीति का रंग गुलाबी हो गया है। गुलाबी रंग वैसे तो स्त्रीत्व का प्रतीक है पर यहां इसके जरिए विशुद्ध राजनीति की जा रही है। वैसे लोग कहते हैं कि सत्ताधारी रंग के लिए सिर्फ दो रंग- काला और पीला ही मुफीद है।
एक कहावत है कि सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखता है। इसका मतलब है सुख-वैभव में पले व्यक्ति को दूसरों के कष्ट का अनुमान नहीं हो सकता। एक शायर ने लिखा है कि ‘सावन के अंधे को बशर सब कुछ यहां हरा-हरा दिखाई देता है, बूंद न पड़ी हो पानी की खेत खलिहान भरा-भरा दिखाई देता है।’ राज्य में लाडली बहन योजना क्या शुरू हुई, इसने सत्ताधारी नेताओं के असली रंग उड़ाकर उन्हें गुलाबी या पिंक कर दिया है। जिन पर काला या पीला (मर्म काला, कर्म पीला) रंग सूट करता है वे अब गुलाबी होकर घूम रहे हैं।
मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्रियों तक सभी गुलाबी बनकर विचरण कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लाडली बहन योजना का श्रेय जो लेना है।
गुलाबी रंग को अक्सर स्त्रीत्व के रंग के रूप में देखा जाता है और इसे अक्सर स्त्रीत्व की पारंपरिक धारणाओं- जैसे सुंदरता, शालीनता और कोमलता के साथ जोड़ा जाता है। यह रंग न केवल सौभाग्य का प्रतीक है, बल्कि इसकी शोभा हर रंग से न्यारी है। पहले ये युद्ध और शौर्य का प्रतीक होने की वजह से पुरुषों के लिए था। पहले विश्वयुद्ध के समय कई नए रोजगार बने उन्हें रंगों के आधार पर विभाजित किया गया जैसे पढ़े-लिखे समाज के लिए ह्वाइट कॉलर, मजदूरों के लिए ब्लू कॉलर। लेकिन टाईपिस्ट, सेक्रेटरी, वेटर और नर्स जैसी नौकरियां इन दोनों कॉलर के तहत नहीं आती थीं, इसलिए इन्हें पिंक कॉलर जॉब कहा गया। इस जॉब में तरक्की एक सीमा तक ही हो सकती थी, इसलिए ये महिला प्रधान मानी गर्इं। इसके बाद गुलाबी रंग से पुरुषों ने दूरी बनाना शुरू कर दिया। लेकिन आज के महाराष्ट्र में सत्ताधारी नेता गुलाबी रंग के दीवाने बन गए हैं। राजनीति जो करवाए वो थोड़ा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को तो गुलाबी कर्म पसंद हैं ही, वहीं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार गुलाबी रंग के कोट और पगड़ी पहनकर गुलाबी रंग के ऑटोरिक्शा में घूमकर इस योजना का श्रेय अपने नाम करना चाहते हैं। ये देखकर भाजपा के भी कान खड़े हो गए। कहीं अजीत पवार श्रेय न लूट लें इसलिए देवेंद्र फडणवीस भी अब गुलाबी रंग के कपड़े पहनकर खुद को इस योजना से जोड़कर दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
गुलाबी रंग को पूरे संसार में प्यार का प्रतीक माना जाता है। हल्का गुलाबी रंग आंखों को शीतलता प्रदान करता है। वातावरण में ऊर्जा का संचार करता है। यह रंग मन में भी कोमल भावनाओं का संचार करता है, लेकिन राजनीति में अब यह रंग श्रेय लेने की होड़ का प्रतीक बन गया है।
(लेखक तीन दशक से पत्रिकारिता में सक्रिय हैं और ११ पुस्तकों का लेखन-संपादन कर चुके वरिष्ठ व्यंग्यकार हैं।)

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