सामना संवाददाता / बस्तर
हाल ही में हिंदुस्थान के गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि साल २०२६ में छत्तीसगढ़ माओवादी मुक्त हो जाएगा, लेकिन अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस ने माओवादियों से करीब २० फीसदी ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए हैं। ये वो हथियार हैं जिन्हें इन लोगों ने बीते २४ सालों में सुरक्षाबलों से लूटा गया था। इस बारे में जानकारों का कहना है कि माओवादियों के पास मौजूद ८० फीसदी हथियार गृहमंत्री अमित शाह के साल २०२६ तक माओवादी मुक्त प्रदेश बनाने के लक्ष्य में बाधक दिखाई पड़ते हैं। माओवादी प्रभावित बस्तर इलाके में सुरक्षा एजेंसियों से साल २००१ से लेकर २०२४ के बीच में कुल ५१६ ऑटोमेटिक हथियार लूटे गए थे। इनमें से छत्तीसगढ़ पुलिस केवल २१.५ फीसदी ही बरामद कर पाइ है। यानी कुल १११ ऑटोमेटिक हथियार बरामद हुए हैं।
२४ अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह ने साल २०२६ तक राज्य से माओवादियों के सफाया करने की बात कही थी। ऐसे में सुरक्षा बलों ने शंका जताई है कि इतनी बड़ी मात्रा में चरम पंथियों के पास ये हथियार होने से गृहमंत्री की घोषणा में बाधा आ सकती है। सुरक्षाबलों का मानना है कि राज्य के लिए और खासकर बस्तर इलाके के दक्षिणी हिस्से के लिए लूट के ये हथियार गंभीर चुनौती बने हुए हैं।