सामना संवाददाता / मुंबई
घाती सरकारी की ओर से राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक पर भारी दवाब बनाया जा रहा है कि वे पद छोड़कर राज्य चुनाव आयोग की अध्यक्ष बनें। इस तरह का आरोप लगाते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने सवाल पूछा कि महिलाओं की आवाज को दबाने के लिए घाती शासन किस स्तर तक जाएगा।
आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया नेटवर्किग साइट एक्स पर अपने आधिकारिक एकाउंट पर पोस्ट किया है। इसके जरिए उन्होंने कहा है कि राज्य चुनाव आयोग के अध्यक्ष यू.पी.एस. मदान चार सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उस स्थान पर सुजाता सौनिक को लाए जाने के लिए सरकार की तरफ से दबाव है। वे एक बहुत ही कर्मठ महिला हैं और भाजपा-घाती को यह मंजूर नहीं है क्या इसलिए ऐसा हो रहा है? इस तरह का सवाल आदित्य ठाकरे ने पूछा है।
सौनिक केवल महिला हैं, इसलिए उस पद पर नहीं पहुंची हैं, बल्कि एक अधिकारी के तौर पर वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कठोर परिश्रम किया है। उन्होंने कई दशकों तक कार्य किया है। ३० जून २०२५ को वे रिटायर होंगी। असंवैधानिक मुख्यमंत्री को उन्हें बदलने की इच्छा होगी, तो वे वैसा आदेश जारी कर सकते हैं। लेकिन उनमें इतनी हिम्मत नहीं। इस तरह का तंज आदित्य ठाकरे ने पोस्ट में किया है। एक सक्षम अधिकारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है जबकि उसे अगले वर्ष सेवानिवृत्त होना ही है? क्या दबाव में झुकने को उन्हें मजबूर किया जाएगा? इस तरह का सवाल भी आदित्य ठाकरे ने उठाया है।