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नम हवाएं दे रहीं हैं रोगों को न्योता  …श्वसन विकार के बढ़े मामले!

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी सावधानी बरतने की सलाह
सामना संवाददाता / मुंबई
इस साल भारी बारिश के कारण हवा में नमी बढ़ गई है। यह सीलन अक्सर घरों में भी पाई जाती है। इसके कारण वर्तमान समय में सांस संबंधी बीमारियों की शिकायत बढ़ गई है। मुख्य रूप से अस्थमा के रोगियों में परेशानी बढ़ गई है। इसके साथ ही एलर्जी की शिकायतें भी बढ़ी हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। उल्लेखनीय है कि इस साल अधिक बारिश होने से हवा में नमी बढ़ गई है। यह हवा में कुछ फंगल और एलर्जी पैदा करने वाले तत्व पैदा करता है। इससे अस्थमा समेत अन्य सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है। इसके साथ ही अन्य मरीजों को भी लंबे समय तक इस हवा में रहने पर दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इसमें मुख्य रूप से नाक बहना, लगातार छींक आना और त्वचा में खुजली जैसे लक्षण दिखते हैं। वहीं सीलन बढ़ने से दमा के मरीजों में गंभीर स्थिति दिखाई दे रही है। ऐसे में वे इलाज कराने के लिए अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
जेजे अस्पताल के श्वसन विकार विशेषज्ञ डॉ. रोहित हेगड़े ने कहा कि इस साल बहुतायत बारिश हुई है। इससे हवा में नमी आ गई है, इससे सर्दी समेत श्वसन के कई विकारों में वृद्धि हुई है। मुंबई में करीब ४० से ५० फीसदी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर, अस्थमा विकार वाले मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है इसलिए अन्य मौसमों की तुलना में उन्हें इस समय दवाएं लेनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि मरीजों को सांस लेने में कठिनाई या चलते समय सांस फूलने का अनुभव हो तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। उचित दवा से मरीजों को इस समस्या से राहत मिलती है।
श्वसन विकार विशेषज्ञ डॉ. अनिल सिंघल ने कहा कि हवा में नमी बढ़ने से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसके साथ ही लोगों में क्रोनिक थकान के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं।

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