सामना संवाददाता / मुंबई
वस्तु एवं सेवा कर परिषद यानी जीएसटी काउंसिल की बैठक हर राज्य के विकास पथ पर एक महत्वपूर्ण बैठक है। देश का ज्यादातर जीएसटी महाराष्ट्र से केंद्र को जाता है। वर्तमान में राज्य में विभिन्न समस्याओं के समाधान और मुख्य रूप से राज्य सरकार द्वारा घोषित नई योजनाओं के लिए फंड की कमी है। इन मुद्दों को सुलझाने और राज्य का वाजिब जीएसटी रिफंड दिलाने के लिए वित्तमंत्री का इस बैठक में शामिल न होना कितना उचित है? इस तरह का तीखा सवाल राकांपा (शरदचंद्र पवार) की ओर से उठाया गया है।
राकांपा ने सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर किए पोस्ट में अजीत पवार पर जोरदार हमला किया है। राकांपा ने कहा है कि इस काउंसिल में वित्तमंत्री के अलावा किसी को भी बोलने का अधिकार नहीं है। सचिव या अन्य मंत्री केवल बैठक में भाग लेने के लिए उपस्थित हो सकते हैं। इसके बावजूद, राज्य के वित्त मंत्री के अप्रत्यक्ष बाल विकास विभाग के मंत्री बैठक में शामिल होते हैं। उनके काउंसिल में गैरहाजिर होने से जनता इसका क्या अर्थ निकाले। एनसीपी-एसपी की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है, `वर्तमान में राज्य में विभिन्न समस्याओं के समाधान और मुख्य रूप से राज्य सरकार द्वारा घोषित नई योजनाओं के लिए धन की कमी है। इन मुद्दों को सुलझाने और राज्य का वाजिब जीएसटी रिफंड दिलाने के लिए वित्त मंत्री का इस बैठक में शामिल न होना कितना उचित है?’