सामना संवाददाता / मुंबई
दस सालों में जनता को झूठ के पुलिंदे का सपना दिखानेवाली मोदी सरकार के राज में पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। मोदी राज में सबसे दयनीय स्थिति स्वास्थ्य उप केंद्रों की है, जो कराह रहे हैं। आलम यह है कि दस वर्षों में इन केंद्रों के लिए खुद की इमारत की व्यवस्था केंद्रीय सरकार नहीं करा सकी है। इसका खुलासा खुद सरकारी रिपोर्ट में हुआ है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण हिंदुस्थान में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और समुदाय के बीच प्रथम संपर्क बिंदु माने जानेवाले स्वास्थ्य उप केंद्रों के पास अपनी इमारत नहीं है। यह बात एक सरकारी रिपोर्ट में कही गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा जारी किए गए वार्षिक प्रकाशन `हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया (इन्प्रâास्ट्रक्चर एंड ह्यूमन रिसोर्सेज) २०२२-२३’ के अनुसार ये उप केंद्र या तो किराए की इमारत में या स्थानीय ग्राम पंचायत या स्वैच्छिक सोसायटी भवन द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान पर संचालित होते हैं।
इतने हैं स्वास्थ्य उपकेंद्र
रिपोर्ट से पता चलता है कि हिंदुस्थान में कुल १.६९ लाख उप केंद्र, ३१,८८२ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ६,३५९ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, १,३४० उप-मंडल व जिला अस्पताल, ७१४ जिला अस्पताल और ३६२ मेडिकल कॉलेज हैं, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सेवा प्रदान करते हैं।
इन पोर्टलों को एकीकृत करने की है जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया कि स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली पोर्टल को प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य पोर्टलों के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता है, ताकि आंकड़े समय पर अपलोड हों और उनका सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाए।