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दादा को चाहिए शिंदे की कुर्सी! … अमित शाह के सामने ही अजीत पवार ने कर दी सीएम पद की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय मुंबई दौरे पर थे। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की। विधानसभा चुनाव की पूर्वसंध्या पर हुआ यह दौरा खास महत्व रखता है। बताया जा रहा है कि इस दौरान अमित शाह ने महायुति के नेताओं के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा की है। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अजीत पवार ने अमित शाह को राज्य में बिहार पैटर्न लागू करने और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है। बताया जा रहा है कि अमित शाह की एयरपोर्ट पर हुई बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया। साथ ही कहा जा रहा है कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के सामने प्रस्ताव रखा है कि राज्य की २५ सीटों पर दोस्ताना मुकाबला कराया जाए। राज्य में नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। उससे पहले सीट आवंटन का मसला सुलझाना होगा। बीजेपी, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने की कोशिश में हैं। इसी पृष्ठभूमि में अमित शाह मुंबई आए थे। इस मौके पर अमित शाह ने तीनों प्रमुख नेताओं से चर्चा की है। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने नेताओं को आश्वासन दिया है कि महायुति में हर घटक दल को उचित सम्मान दिया जाएगा।

महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकशी
शिंदे गुट के नेता बार-बार कह रहे हैं कि एकनाथ शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। दूसरी ओर देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनने की चाहत रख रहे हैं। अब खबरें हैं कि अजीत पवार ने मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव रखा है। इसलिए महायुति में मुख्यमंत्री पद के लिए रस्साकशी देखने को मिल सकती है।

भाजपा के बैनर से गायब हुए अजीत पवार
सत्ताधारी महायुति सरकार की लाडली बहन योजना को लेकर लगे एक बैनर से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की तस्वीर गायब हो गई है। इस बैनर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर ही झलक रही है, इसलिए विधानसभा चुनाव नजदीक होने पर सत्ताधारी महायुति में अंदरूनी तनातनी एक बार फिर से सामने आ गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य के वित्तमंत्री अजीत पवार ने प्रदेश बजट में मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना की घोषणा की थी। सरकार की इस योजना की घोषणा उस समय हुई जब राज्य में विधानसभा चुनाव मुहाने पर पहुंच चुका है। योजना के तहत २१ से ६५ वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं को प्रति माह १,५०० रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। हालांकि, अब सत्तारूढ़ घाती गुट, अजीत पवार गुट और भाजपा में ही योजना का श्रेय लेने को लेकर घमासान मच गया है।
असंवैधानिक मुख्यमंत्री के ठाणे आवास के आसपास बड़ी संख्या में बैनर लगाए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बैनर पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ही तस्वीरें हैं। इन बैनरों पर भी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की एक भी तस्वीर नजर नहीं आ रही है। इससे राजनीतिक विश्लेषक अचंभित हैं और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इन बैनरों पर फडणवीस को देवाभाऊ बताया गया है। इसमें ‘देवाभाऊ, लाडली बहन को १,५०० रुपए प्रति माह’ का जिक्र किया गया है।
अजीत पवार गुट द्वारा जारी एक वीडियो विज्ञापन में ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन’ योजना को ‘अजीतदादा की लाडली बहन’ योजना के रूप में संदर्भित किया गया था। इसको लेकर महायुति में विवाद पहले ही भड़का हुआ है। अब भाजपा के बैनर से अजीत पवार की तस्वीर गायब हो गई है, जिससे महायुति में फिर से विवाद छिड़ गया है।

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