अमर झा / भायंदर
विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। मीरा भायंदर में उत्तर भारतीय भवन को लेकर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। अलग-अलग पार्टी के नेता ‘उत्तर भारतीय भवन’ बनाने की ताल ठोक रही हैं। जबकि अलग- अलग समाज के भवन के साथ उत्तर भारतीय भवन को बनाने की घोषणा को आम जनता इसे चुनावी लॉलीपॉप की तरह देख रही है।
तेजी से विकसित हुए मीरा-भायंदर की आबादी लगभग १४ लाख के आस पास है, यह शहर दो विधानसभा में बंटा है। यहां १४५ और १४६ दोनों विधानसभा के मीरा-भायंदर क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या लगभग ७.५ लाख है। जिसमें अलग-अलग समाज के लोगों का समावेश है, यहां उत्तर भारतीय मतदाताओं की बड़ी संख्या लगभग १ लाख ७२ हजार है। जो किसी भी चुनाव के परिणाम को बदलने के लिए मायने रखती है, इस वोट बैंक पर सभी नेताओं का ध्यान लगा है।
एक ओर १४६ विधानसभा के विधायक प्रताप सरनाईक मीरा भायंदर मनपा क्षेत्र के आरक्षित भूखंड पर घोड़बंदर परिसर में अलग-अलग समाज भवन का निर्माण करने की घोषणा व भूमिपूजन कार्यक्रम कर चुके हैं।
तो दूसरी तरफ १४५ मीरा- भायंदर विधानसभा की वर्तमान विधायक गीता जैन ने खुद के भूखंड, अमृतवन उद्यान के पास यूनिक ओरम, मीरा रोड – पूर्व में १७ सितंबर को संत रामभद्राचार्य जी के हाथों उत्तर भारतीय भवन बनाने के लिए भूमिपूजन कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसे गीता जैन पिछले चुनाव की वचनपूर्ति कह रही हैं।
पिछले चुनाव में भाजपा के विधायक नरेंद्र मेहता अपनी हार के बाद आने वाले चुनाव में उत्तर भारतीय भवन में अपना राजनीतिक भविष्य को मजबूत करना चाह रहे है, जिसकी पहल शनिवार ७ सितंबर को कुछ उत्तर भारतीय नेताओं के साथ बैठकर उत्तरभारतीय भवन बनाने के ताने-बाने बुन रहे हैं।
वहीं तीन बार नगरसेवक रह चुके उत्तर भारतीय नेता हंसू कुमार पांडे आने वाले विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर अपने खुद की जमीन आरएनपी पार्क, भायंदर पूर्व स्थित पांच हजार वर्ग फुट भूखंड पर उत्तर भारतीय भवन बनाने की बात कर रहे हैं। अगर सभी नेताओं की बात सच हुई तो मीरा भायंदर में कई उत्तर भारतीय भवनों का निर्माण हो जाएगा। अलग-अलग सामाजिक भवन के मुद्दे पर समाजसेवक एड. कृष्णा गुप्ता का कहना है कि स्थानीय नेता भवन के मुद्दे को लेकर जनता के ध्यान को असली मुद्दे से भटकाने का काम कर रहे हैं।