सगीर अंसारी
समाजसेवी हाजी सोहेल सूबेदार का जीवन समाजसेवा के प्रति समर्पित रहा है। उत्तर प्रदेश के बस्ती के साधारण परिवार से आनेवाले हाजी सोहेल सूबेदार ने जहां बचपन से ही कड़ी मेहनत और संघर्षों का सामना किया, वहीं हर मुश्किल से लड़ने और दूसरों के लिए कुछ करने का जज्बा उन्हें समाजसेवा के प्रति अग्रसर करता रहा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वर्ष १९९९ में स्थापना के बाद से ही कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा देनेवाले हाजी सोहेल सूबेदार १५ वर्षों से राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अल्पसंख्यक विभाग के मुंबई अध्यक्ष पद पर हैं। उन्होंने समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर काम किया। पानी की समस्या, सड़कों की दुर्दशा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दों पर उन्होंने सदैव आवाज उठाई। उन्होंने कुर्ला से लेकर मुलुंड को जोड़नेवाले एलबीएस मार्ग के नवीनीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। पूर्व उपनगर के क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारने और उन्हें १०वीं और १२वीं कक्षा तक करने के प्रस्ताव को उन्होंने आगे बढ़ाया। इसके साथ ही मानखुर्द टी जंक्शन से लेकर वाशी खाड़ी पुल के बीच खाली पड़ी जगह पर मनपा द्वारा कई प्रकल्पों के लिए आरक्षित जगह पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए एक गर्ल्स कॉलेज बनाने का भी प्रावधान किया, ताकि ट्रांबे, मानखुर्द और शिवाजी नगर क्षेत्र की लड़कियों को बेहतर शिक्षा मिल सके। इसी जगह पर एक बड़ा हॉस्पिटल बनाने की भी मांग की है, जो सभी सुविधाओं से लैस होगा। साथ ही एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने की भी मांग सोहेल सूबेदार ने की है, ताकि क्षेत्र के बच्चों के अंदर स्पोर्ट्स के प्रति उनके टैलेंट को उभारा जा सके। सोहेल सूबेदार का मानना है कि स्लम क्षेत्रों में रहनेवालों के लिए सबसे बड़ी समस्या नशा है, जिसे रोकने में स्पोर्ट्स एक अहम भूमिका निभाएगा। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनके जरिए घाटकोपर के आजाद नगर में खाली जगह पर उन्होंने एक गार्डन का निर्माण करवाया, जहां आज क्षेत्र के बच्चे अपने टैलेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। मूलभूत सुविधाओं से वंचित चीता वैंâप चेंबूर-वाशी नाका जैसे क्षेत्र की ओर अपना ध्यान आकर्षित करते हुए सोहेल सूबेदार ने कहा कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या क्षेत्र को मुंबई से जोड़ने की है, जो अभी भी मुंबई से अलग-थलग है। चीता वैंâप का पुनर्विकास बेहद जरूरी है, जिसके लिए वह खास प्लान लाने के लिए प्रयासरत हैं, ताकि लोगों को बड़े घर के साथ सभी सुविधाएं मिल सकें। बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए मनपा के जरिए इंटरनेशनल स्कूल का निर्माण उनका एक सपना है।