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…यदि आनंद दिघे होते तो लूट के पैसे उड़ानेवालों की `चमड़ी उधेड़ देते’-संजय राऊत

सामना संवाददाता / मुंबई
धर्मवीर आनंद दिघे की पवित्र इमारत में दिघे के आसन के सामने कुछ लोगों द्वारा पैसे उड़ाने का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ गया है। इसे लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह का आचरण करनेवाला आनंद दिघे का वारिसदार नहीं हो सकता। संजय राऊत ने कहा कि अगर आनंद दिघे आज होते तो इस तरह से लूट का पैसा उड़ानेवालों की चमड़ी उधेड़ देते। मुंबई में आयोजित एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने इस घटना पर अपना गुस्सा व्यक्त किया।
आनंद दिघे ने अपने घर में दीवार पर एक हंटर लटका रखा था। तब यदि उन्होंने यह अय्याशी देखी होती तो उस हंटर को निकाल लेते और लूट का धन लुटानेवालों की चमड़ी उधेड़ देते। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग खुद को आनंद दिघे का वारिस बताते हैं, लेकिन वे दिघे के वारिसदार नहीं हैं। आनंद दिघे ने कभी भी ऐसे भ्रष्ट और अय्याश लोगों का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे दिघे के आसन के सामने पैसे ऐसे उड़ा रहे हो, जैसे वे बार में पैसे लूटा रहे हैं। मैं पूछता हूं आखिर उन्हें यह पैसा कहां से मिला? संजय राऊत ने हमला बोलते हुए कहा कि ‘घाती’ सरकार हमारे महाराष्ट्र की संस्कृति को बिगाड़ने का काम कर रही है।
संजय राऊत ने कहा कि अगर ये उनके शिष्य होते तो गुरु की गद्दी के सामने इस तरह पैसे नहीं उड़ाते। पूरे राज्य में मनी-लॉन्ड्रिंग का खेल चल रहा है, ऐसी अय्याशी सिर्फ लूटे हुए पैसों से ही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेहनत की कमाई से पवित्र, धार्मिक, सार्वजनिक स्थानों पर ऐसी अय्याशी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस तरह पैसे उड़ानेवाले कौन लोग हैं। उनके पास लुटाने के लिए पैसा कहां से आया।

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