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महाराष्ट्र में फाइलेरिया हुआ आऊट ऑफ कंट्रोल! …स्वास्थ्य यंत्रणा हुई फेल सात जिलों में बढ़ा खतरा

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महायुति सरकार के राज में स्वास्थ्य यंत्रणा फेल हो चुकी है। यही कारण है कि राज्य में कई तरह की बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं। इसी क्रम में अन्य रोगों की तरह हाथी रोग यानी फाइलेरिया भी तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि महाराष्ट्र में हाथी रोग आऊट ऑफ कंट्रोल हो गया है। चंद्रपुर और नागपुर समेत कुल सात जिलों में इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में मौजूदा सरकार के शासन में हाथी रोग मुक्त अभियान का लक्ष्य केवल सपना ही साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष २०१९ में महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र में दो वर्षों में हाथी रोग का पूरी तरह से उन्मूलन करने के लिए १३ जिलों में एक विशेष अभियान लागू करने की योजना तैयार की गई थी। हालांकि, उसी समय वर्ष २०२० में वैश्विक महामारी कोरोना ने दस्तक दे दी और अभियान अमल में नहीं लाया जा सका। इसके बाद वर्ष २०२२ में गद्दारी करके सत्ता परिवर्तन कर दिया गया। लेकिन जब से महाराष्ट्र में घाती सरकार का गठन हुआ है, तभी से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। प्रदेश में कई बीमारियों को कंट्रोल करने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। इस फेहरिस्त में हाथी रोग भी शामिल हो चुका है। फाइलेरिया निर्मूलन राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राधाकिशन पवार ने बताया कि इस साल अगस्त तक राज्य में कुल २८७८३ फाइलेरिया के रोगी मिले हैं। बता दें की वर्ष २०२२ में ३०३३४ और वर्ष २०२३ में ३०५५१ हाथी रोग मिले हैं।

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