सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी बचाओ आंदोलन से डरकर एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का भूमिपूजन गुपचुप तरीके से सुबह ५ बजे माटुंगा के आरपीएफ मैदान में किया गया। कार्यक्रम के दौरान वहां कोई भी विशेष अतिथि मौजूद नहीं था, जबकि उम्मीद थी कि भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य नेता उपस्थित होंगे। धारावी पुनर्विकास परियोजना प्रा. लि. (डीआरपीपीएल) के अनुसार, भूमिपूजन सेक्टर ६ में किया गया।
लोगों के विरोध से बचने के लिए कंटेनर के भीतर अंधेरे में चंद लोगों के बीच भूमिपूजन किया गया। जब तक यहां रहनेवाले हर परिवार को ५०० वर्ग फीट का घर उपलब्ध करवाने का निर्णय नहीं होता है, तब तक यहां निर्माण कार्य भी शुरू नहीं होने दिया जाएगा। प्रोजेक्ट की शुरुआत माहिम से माटुंगा तक पैâली रेलवे की जमीन से होगी। ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ के समन्वयक बाबूराव माने के अनुसार, धारावी के विकास का प्लान अब तक सामने नहीं आया है। बगैर प्लान के ही प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया गया है। भूमिपूजन का प्लान गुरुवार से पहले का था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते तय तारीख पर भूमिपूजन नहीं हो पाया।
सरकार और अडानी मिलकर धारावी में रियल इस्टेट का सबसे बड़ा घोटाला करने जा रहे हैं। इसी वजह से प्रोजेक्ट का भूमिपूजन गुपचुप तरीके से किया गया है।
-वर्षा गायकवाड,
कांग्रेस सांसद