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बोरीवली-कांदिवली वालों की तरह अब मीरा-भायंदर वासी भी करेंगे चुनाव का बहिष्कार … सड़कों की मरम्मत नहीं तो मतदान नहीं!

भाजपा राज में बद से बदतर हो गए हैं शहर के हालात
-सड़कों में पड़ गए हैं हाथ भर के गड्ढे
-रोज हो रही हैं दुर्घटनाएं

प्रेम यादव / भायंदर
मीरा-भायंदर एक तेजी से बढ़ता शहर है, मगर नागरिकों की सुख-सुविधा के प्रति प्रशासन ने उदासीन रवैया अख्तियार कर रखा है। भाजपा राज में शहर की बदहाल व गड्ढे युक्त सड़कों से लोग गुजरने को मजबूर हैं, मगर प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। सड़कों में हाथ भर के गड्ढे पड़ गए हैं और आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में मीरा-भायंदर के नागरिकों का गुस्सा चरम पर है। अब बोरीवली-कांदिवली वालों की तर्ज पर मीरा-भायंदरवासियों ने भी चुनाव के बहिष्कार करने का पैâसला किया है। उनका साफ कहना है कि अगर शहर की सड़कों को अच्छी तरह से नहीं बनाया गया तो फिर आगामी चुनाव में वे मतदान नहीं करेंगे।

जान जोखिम में डालकर रोड पर चल रहे हैं लोग!
हर तरफ टूटी सड़कें व गड्ढे आते हैं नजर
प्रशासन के रवैये से नागरिकों में आक्रोश

बोरीवली और कांदिवली के नागरिकों के बाद अब मीरा-भायंदर के लोग भी चुनाव बहिष्कार की तैयारी कर रहे हैं। मीरा-भायंदर शहर में सड़कों की दयनीय स्थिति और लगातार हो रही दुर्घटनाओं से परेशान नागरिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर सड़कों की मरम्मत नहीं की गई, तो वे आगामी चुनावों में मतदान नहीं करेंगे। मीरा-भायंदर की सड़कें लंबे समय से उपेक्षा की शिकार हैं। जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं, जिनके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर सड़कों का सीमेंटीकरण चल रहा है, लेकिन वह भी आधा अधूरा है। नियोजन की कमी के कारण यह काम भी जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। स्थानीय निवासी, कुलदीप जैन ने कहा, ‘भाजपा के राज में शहर की हालत बद से बदतर हो गई है। हमारे टैक्स के पैसे का क्या हो रहा है, ये समझ में नहीं आता। रोज सड़क पर चलना जान जोखिम में डालने जैसा है।’ शहर की एक महिला नागरिक कहती हैं, ‘हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बच्चे स्कूल जाने में डरते हैं, क्योंकि सड़कों पर गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है।’ इस बारे में समाजसेवक अजय तिवारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, ‘सड़कों की मरम्मत नहीं, तो हमारा वोट भी नहीं। अब चुनाव के वक्त नेता दरवाजे पर आएंगे, लेकिन इस बार हम उन्हें बिना जवाब दिए वापस नहीं जाने देंगे। गणपति विसर्जन है, आगे और भी त्यौहार हैं, लेकिन मनपा सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। क्या जब तक कोई बड़ी अनहोनी नहीं होगी, तब तक प्रशासन कुंभकर्णी नींद से नहीं जागेगा?’ मीरा-भायंदर के नागरिकों का यह गुस्सा तेजी पकड़ रहा है और अगर जल्द ही सड़कों की मरम्मत और सीमेंटीकरण का काम पूरा नहीं हुआ, तो यह विरोध आगामी चुनावों में बड़ा असर डाल सकता है।

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