अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
एक तरफ जहां नरेंद्र मोदी घोषणा कर रहे हैं कि केंद्रीय सरकार देश में नई तकनीक से बेहतरीन सड़कें बना रही है, वहीं दूसरी ओर उल्हासनगर होकर जानेवाले कल्याण-मुरबाड़ राष्ट्रीय महामार्ग की हालत एकदम खराब हो गई है। राष्ट्रीय महामार्ग पर शहाड रेलवे स्टेशन के समीप बनाए गए उड़ान पुल पर गड्ढे पड़ गए हैं। सीमेंट की सड़क होने के बावजूद जगह-जगह पड़े गड्ढों की वजह से राष्ट्रीय महामार्ग महासमस्या मार्ग बन गया है।
महामार्ग की हालत जहां दयनीय है, वहीं शहाड रेलवे उड़ान पुल की स्थिति जर्जर हो गई है। सिग्नल या स्पीड ब्रेकर तक नहीं हैं। सड़क के किनारे नाली के ऊपर पादचारी पथ बनाया गया है। जगह-जगह नाली के टूटे ढक्कनों के कारण पैदल चलनेवाले लोगों के गिरने की संभावना हर वक्त बनी रहती है। कहीं-कहीं डिवाइडर बनाया गया है, तो कहीं डिवाइडर है ही नहीं। डीमार्ट के समीप सड़क के नीचे बहनेवाले नाले पर मांस विक्रेताओं के अलावा अन्य दूसरे लोगों ने कब्जा कर रखा है। सड़क किनारे कचरे का ढेर देखा जा सकता है। सपीड ब्रेकर न होने के कारण तेज गति से चलनेवाले वाहनों के कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। इतना ही नहीं, सरकारी नियमों को ताक पर रखकर डंपर वाले ओवर लोडेड डंपर से गिट्टी ले जाते हैं, जो अक्सर सड़क पर गिरती रहती है। इन गिट्टियों से दूसरे वाहन चालकों को काफी दिक्कत होती है। चार वर्ष के उपरांत भी आज तक थारवानी कॉम्पलेक्स से डीमार्ट तक तकरीबन एक किलोमीटर तक की सड़क अधर में लटकी हुई है, जिसके कारण वाहनों के आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है। तमाम समस्याओं से घिरे होने और मनपा के अतिक्रमण विभाग, यातायात पुलिस के साथ ही राष्ट्रीय महामार्ग निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) जैसे विभागों की अनदेखी के चलते राष्ट्रीय महामार्ग की हालत दयनीय हो गई है।