मुख्यपृष्ठनए समाचारमर्दों का लगता है मेला! ...हर साल पार्टनर बदलती हैं महिलाएं

मर्दों का लगता है मेला! …हर साल पार्टनर बदलती हैं महिलाएं

ऐसी धारणा है कि शहरों में ग्रामीण इलाकों के बजाय मॉडर्न कल्चर को अधिक अपनाया जाता है। वैसे भारत में कई ऐसे गांव हैं, जो कल्चर और नियमों के मामले में शहरों को भी फेल करते हैं। राजस्थान में कई ऐसे गांव हैं, जहां सदियों से लिव इन में रहने का ट्रेंड है। यहां हर साल मर्दो का मेला लगता है। जी हां, यहां गरासिया जनजाति के लोगों में लिव इन में रहना आम बात है। जब महिला को बच्चा हो जाता है, तभी ये लोग शादी करते हैं। उससे पहले चाहे तो महिला अपने कितने भी पार्टनर बदल सकती है? इस जनजाति में महिलाओं को पुरुषों से अधिक महत्व दिया जाता है। वे अपने हर पैâसले लेने के लिए आजाद होती हैं। महिला को किसके साथ रहना है? किसके साथ नहीं रहना है? यह पैâसला कोई दूसरा नहीं, वह स्वयं करती है।
बता दें ति महिला हर साल अपने लिए नया पार्टनर चुन सकती है। गरासिया जनजाति के लोग मिलकर हर साल खास तौर पर गौर मेले का आयोजन करते हैं। यहां महिला अपने लिए मनचाहा मर्द चुन सकती है। जब लड़की अपने लिए साथी चुन लेती है तो घर आने के बाद लड़के के घरवाले उसे पैसे देते हैं। खास बात है कि ये मेला साल में एक बार लगता है। यहां महिला हर साल अपने लिए नया साथी चुन सकती है। जब महिला किसी पुरुष के साथ लिव इन में रहते हुए प्रेग्नेंट हो जाती है, तब उसे शादी करनी पड़ती है।

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