लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेकर भाजपा और उनके लोगों द्वारा दिए गए बयान भयानक हैं। नरेंद्र मोदी ने पिछले दस साल में जो जहर बोया था, वह किस तरह उग आया है उसकी तस्वीर पिछले कुछ दिनों में सामने आ गई है। आरक्षण को लेकर गांधी द्वारा विदेश में दिए गए बयान को तोड़-मरोड़कर भाजपा ने देश में पेश किया। गांधी देश में आरक्षण खत्म करने जा रहे हैं और हम ऐसा नहीं होने देंगे, ऐसा गृहमंत्री अमित शाह ने एलान किया है। मोदी, शाह और फडणवीस जैसे लोग ‘फेक नैरेटिव’ तैयार करने वाली पैâक्ट्री के मालिक हैं और उन्होंने गांधी को आरक्षण विरोधी के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन अब भाजपा और उनके लोगों ने गांधी को लेकर हिंसक बयानबाजी शुरू कर दी है। शिंदे गुट के एक विधायक ने राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को ११ लाख का इनाम देने की बात कही है, तो भाजपा के एक ‘बोंडे’ सांसद का कहना है कि जीभ काटने की कोई जरूरत नहीं है। जुबान को दागेंगे। उसी वक्त दिल्ली के एक भाजपा विधायक धमकी देते हैं कि राहुल का हाल उनकी दादी इंदिरा गांधी जैसा करेंगे। यह धमकी गांधी की जिंदगी से खेलने जैसा ही है। भाजपा के विधायक कहते हैं कि इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी और राहुल गांधी को भी उसी रास्ते पर जाना होगा। उसी समय केंद्र के रेल राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री राहुल गांधी के बाबत अशोभनीय और हिंसक बयान देते हैं। ये तस्वीर अच्छी नहीं है। भाजपा का मानसिक संतुलन चरमरा गया है और लोगों को ऊपर से लेकर नीचे तक के इस चरमराए हुए दिमाग का आभास हर दिन हो रहा है। राहुल गांधी विपक्षी दल के नेता हैं और उनकी पार्टी के १०० सांसद चुनकर आए हैं। सरकार के झूठे और गलत कामों की परवाह किए बिना उन्होंने मोदी सरकार की नींद हराम कर दी है। यही विपक्ष के नेता का कर्तव्य है और भारत के संविधान ने उन्हें यह अधिकार दिया है। विपक्ष के नेता संविधान द्वारा दिए गए अधिकार का पालन कर रहे हैं। ऐसे में अगर नाराज भाजपा उनकी जीभ काटना चाहती है तो इस देश में ‘ईदी अमीनशाही’ चल रही है, यह स्वीकार करना होगा। गांधी ने आरक्षण को लेकर अपने जो विचार रखे, उन्हें गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया। उसका प्रतिवाद किए बिना जीभ काटने और जीभ दागने की भाषा बोलना, यह कौन सा कानून है? रूस में पुतिन ने विपक्षी नेताओं को मरवा दिया या जेल में डाल दिया। युगांडा में ईदी अमीन का भी विपक्ष से इसी तरह का व्यवहार था। भारत की भाजपा और उसके लोगों ने भी अब उसी तरह से पेश आने का निर्णय लिया है। सवाल राहुल गांधी का नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक परंपरा का है। देश में आरक्षण खत्म करने का अधिकार किसी एक व्यक्ति और उसकी पार्टी को नहीं है। दलित, पीड़ित, खानाबदोश, आदिवासी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर आत्मसम्मान के साथ जी सकें इसलिए भारतीय संविधान ने आरक्षण दिया है। यह किसी के कहने से और भाषण से वैâसे रद्द हो सकता है? लेकिन भाजपावाले झूठ बोलने और फेक नैरेटिव गढ़ने में उस्ताद हैं। उन्हें सांप्रदायिक दंगे कराना है और उसके लिए वे मौका ढूंढ रहे हैं। खास बात यह है कि भाजपा ने राहुल गांधी समेत मोदी का विरोध करने वाले सभी नेताओं को सूली पर चढ़ाने का पैâसला कर लिया है। उसके लिए ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर फर्जी मामले बनाए गए और विरोधियों को जेल में डाल दिया गया, लेकिन उस जेल का डर अब नहीं रह गया है। मोदी का डर भी खत्म हो गया है। क्योंकि ये लोग हर बात में अति कर चुके हैं और अब हिंसक भाषा की भी अति कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने जिस तरह से मोदी को पराजित किया। बावजूद इसके उनका दिमाग दूसरी ही दिशा में चल रहा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला करने की भाषा भाजपा नेता और उनके खेमे के लोग बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह इस पर बोलने को तैयार नहीं हैं। इसका मतलब इन हिंसक बयानों और गांधी पर हमले की साजिश रचने वालों को मोदी-शाह का गुप्त समर्थन प्राप्त है, ऐसा समझा जाए क्या? महाराष्ट्र में राहुल गांधी पर हिंसक हमलों की बात होती है। गांधी पर हमला करने वाले को इनाम देने की घोषणा करने वालों को यदि गृहमंत्री फडणवीस संरक्षण दे रहे हैं तो इस राज्य में विरोधी दल सुरक्षित नहीं है। मोदी ने जहर बोया, वह उग गया है!