सामना संवाददाता / मुंबई
मालाड रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म बदलाव के कारण हो रही भीड़-भाड़ से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों के लिए यह समस्या गंभीर तब हो गई जब चर्चगेट से विरार और विरार से चर्चगेट जाने वाली ट्रेनों को एक ही प्लेटफॉर्म पर रोका जाने लगा। इस बदलाव के कारण यात्रियों को प्लेटफॉर्म से बाहर निकलने के लिए केवल फुट ओवरब्रिज (एफओबी) का ही सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे पीक आवर्स में भारी भीड़ जमा हो रही है।
पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, नए टेंपरेरी प्लेटफॉर्म के निर्माण की अनुमति मिल चुकी है और इसके निर्माण में लगभग २-३ महीने का समय लगेगा। नए प्लेटफॉर्म से विरार की तरफ यात्रा कर रहे यात्रियों को दोनों तरफ उतरने का विकल्प रहेगा। जिससे यात्रियों की भीड़ काफी हद तक कम होगी। जब तक यह प्लेटफॉर्म तैयार नहीं होता, तब तक ट्रेनों को पैरलल प्लेटफॉर्म पर रोकने के बजाय आगे-पीछे रोका जाएगा। हालांकि, यह समस्या से उबरने का उपाय नहीं है, लेकिन भीड़ को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा। यह कदम यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा और मालाड स्टेशन पर भीड़-भाड़ की समस्या को दूर करने में मदद करेगा।
इस समस्या को लेकर ‘दोपहर का सामना’ ने आवाज उठाई थी। यात्रियों की सुविधा और बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए पश्चिम रेलवे ने पहले की तरह मालाड-वेस्ट में टेंपररी प्लेटफॉर्म बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि पहले १ नंबर प्लेटफॉर्म पर विरार की दिशा में जाने वाली ट्रेनें रुकती थीं, जिससे मालाड वेस्ट जाने वाले यात्रियों को किसी ब्रिज का उपयोग नहीं करना पड़ता था।