कई समस्याओं से जूझ रही है जनता
सामना संवाददाता / मुंबई
एक करोड़ से अधिक महिलाओं को लाडली बहन योजना की किस्त दिए जाने का दावा किया जा रहा है। ये अभी और दो किस्त देंगे। लाडली बहन योजना का असर थोड़ा सा होगा। बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। समाज में, लोगों में, बहनों में बेरोजगारी की समस्या है। महंगाई महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा है। ऐसा नहीं लगता कि विकास के मामले में कोई खास प्रदर्शन हुआ है। बहनें इन बातों के बारे में जरूर सोचेंगी। इस तरह का तीखा तंज राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कसा है।
शरद पवार ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का दो टर्म खत्म हो गया है। अब तीसरा टर्म शुरू है। लाडली बहन योजना की सराहना प्रधानमंत्री करके चले गए। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्हें महिलाओं की व्यथा और दुख नहीं दिखाई दिया? शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे, उस अवधि को छोड़ दिया जाए तो शेष साढ़े सात साल इन्हीं की सत्ता थी। इस अवधि में क्या इन्हें लाडली बहनों का दुख नहीं दिखाई दिया? शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा का मुद्दा अहम है। राज्य की बहनें बेरोजगारी, महंगाई के बारे में विचार करेंगी। रोजाना अखबारों पर नजर डालें तो महिलाओं के खिलाफ हिंसा की खबरें आम हो गई हैं, जो बेहद दुखद है। सही मायने में लाडली बहनों को सुरक्षा और सम्मान की जरूरत है। शरद पवार ने कहा कि याद रखें कि पैसे देकर, टीवी और अखबारों में विज्ञापन देकर आप उनके प्रति आस्था नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा कम नहीं हुई है, बल्कि बढ़ी है।