सगीर अंसारी
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक रखनेवाले सैयद इमरान गोवंडी में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सैयद इमरान कहते हैं कि पढ़ाई के दौरान उन्होंने ऐसे कई बच्चों को देखा, जो होनहार होने के बावजूद घर की माली हालत ठीक न होने से अपनी शिक्षा अधूरी छोड़कर मेहनत-मजदूरी में लग गए। सैयद इमरान के पिता डॉ. मौलाना सैयद सरफराज हुसैन वर्ष १९६८ में मुंबई आए। उस समय झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्र गोवंडी में न लाइट की सुविधा थी और न पानी की। इसके साथ ही यहां शिक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं था। यहां रहनेवाले लोगों के सामने दो वक्त की रोटी कमाना मुश्किल था, ऐसे में बच्चों को पढ़ाना उनके लिए दूर की कौड़ी थी। बच्चों के बर्बाद होते भविष्य को देखते हुए डॉ. मौलाना सैयद सरफराज हुसैन ने वर्ष १९८५ में ताकवी अतुल ईमान उर्दू हाई स्कूल का निर्माण अपने दम पर किया, जहां उन्होंने बिना फीस लिए बच्चों के लिए शिक्षा की शुरुआत की। स्कूल को चलाने में होनेवाली दिक्कतों को देखते हुए तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रोफेसर जावेद खान ने डॉ. मौलाना सैयद सरफराज हुसैन की मदद करते हुए न केवल स्कूल को मान्यता दिलवाई, बल्कि अनुदान भी दिलवाया। वर्ष २०१४ में डॉ. मौलाना सरफराज हुसैन के देहांत के बाद उनकी सेवा को अपने कंधों पर उठानेवाले सैयद इमरान ने पिता के नक्शे-कदम पर चलते हुए उनकी समाजसेवा को आगे बढ़ाया, लेकिन इतने बड़े क्षेत्र में पिता द्वारा उठाए गए शिक्षा के इस कदम को किनारे लगा पाना मुश्किल था। अत: उन्होंने सरफराज मेमोरियल एजुकेशन ट्रस्ट नामक संस्था का गठन किया, जिसके माध्यम से वे गोवंडी व आस-पास के क्षेत्रों में छात्रों को अपनी तालीम को मुकम्मल करने के लिए प्रोत्साहित करने लगे। इसके लिए उन्होंने छात्रों की हर मुमकिन मदद भी की। सैयद इमरान ने बताया कि समय की मांग को देखते हुए उन्होंने इस क्षेत्र में सरफराज मेमोरियल इंग्लिश स्कूल का गठन किया। कोरोना काल के दौरान उन्होंने तकरीबन ढाई वर्षों तक बिना कोई फीस लिए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी। सैयद इमरान कहते हैं कि आज भी क्षेत्र के होनहार बच्चों की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सरफराज मेमोरियल एजुकेशन ट्रस्ट की ओर से मुफ्त शिक्षा देने का अभियान शुरू है। सैयद इमरान का कहना है कि लोगों की जिंदगी में शिक्षा के द्वारा ही बदलाव लाया जा सकता है और देश को तरक्की पर ले जाने का भी यही एक मार्ग है। क्षेत्र के हर बच्चे को शिक्षित बनाना उनका लक्ष्य है, जिसे वो आखरी दम तक निभाएंगे।