सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर माह में होने की संभावना है। इस संबंध में सत्ता पक्ष और विपक्ष तैयारी कर रहे हैं। इन सबके बीच स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता राजू शेट्टी, स्वराज्य संघ के संभाजीराजे छत्रपति और प्रहार संघ के नेता विधायक बच्चू कडू ने ‘परिवर्तन महाशक्ति आघाड़ी’ की घोषणा की है। यह तीसरी आघाडी सत्तारूढ़ दल की मदद करने और विपक्ष के वोटों को विभाजित करने के लिए बनाई गई है। इस तरह का प्रहार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया है।
शुक्रवार सुबह जब मीडिया प्रतिनिधियों ने तीसरी आघाडी के बारे में पूछा तो सांसद संजय राऊत ने कहा कि राज्य और केंद्र की सत्ता में बैठे लोग खुद की मदद और विपक्षी दलों के वोटों को विभाजित करने के लिए इस तरह की आघाडी बनाते हैं। अब तक का इतिहास और अनुभव हमें यही बताते हैं। विधानसभा का मुकाबला महायुति और महाविकास आघाडी के बीच है। लेकिन महाविकास आघाडी के वोटों को कम करने के लिए नई आघाडी का गठन किया गया है। साथ ही इसके लिए पैसों-पदों के उपयोग की नीति दिखाई दे रही है।
मोदी महाराष्ट्र में आकर सिर्फ काटते हैं रिबन
भाजपा पर निशाना साधते हुए संजय राऊत ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि मोदी आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन भाजपा नेताओं को मालूम ही नहीं होता कि उन्होंने वैâसा उद्घाटन किया है। भाजपा के रुख के कारण महाराष्ट्र डगमगाया, अस्थिर और औद्योगिक रूप से कमजोर हो गया है। संजय राऊत ने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि मोदी आते हैं और सिर्फ रिबन काटते हैं।
आज भी गुजरात गया उद्योग
संजय राऊत ने कहा कि आज भी एक उद्योग गुजरात गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार द्वारा दी गई जानकारी महत्वपूर्ण है इसलिए नरेंद्र मोदी को यहां उद्घाटन करने के बजाय इस बारे में निर्णय लेना चाहिए कि क्या महाराष्ट्र से बाहर जानेवाले उद्योग को महाराष्ट्र में रोकने के लिए कुछ किया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर मोदी ने पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा की, क्योंकि वहां के लोगों की इस तरह की भावना है। इस पर सवाल उठाते हुए संजय राऊत ने कहा कि फिर पूर्ण राज्य का दर्जा घोषित ही क्यों किए। उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र में जो उद्योग गुजरात ले जाया गया है, उसे उसी तरह वापस महाराष्ट्र को दिया जाना चाहिए।
शिंदे ने किया आप्टे, कोतवाल को बचाने का काम
इस बीच बदलापुर यौन उत्पीड़न की घटना के एक महीने आठ दिन बाद भी स्कूल के अध्यक्ष उदय कोतवाल और सचिव तुषार आप्टे अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इस पर संजय राऊत ने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आप्टे और कोतवाल को एकनाथ शिंदे का संरक्षण प्राप्त है। दोनों उनके चिरंजीव के निर्वाचन क्षेत्र से हैं। आप्टे और कोतवाल के मुख्यमंत्री के चिरंजीव से बहुत घनिष्ठ संबंध हैं। संजय राऊत ने आरोप लगाया कि इस मामले में मुख्यमंत्री की भूमिका संदिग्ध है और शिंदे ने आप्टे और कोतवाल को बचाने का काम किया है।