भाजपा : ७५
शिंदे गुट : १९
प्रत्येक टेंडर की औसत लागत ९ लाख रुपए है। सूत्रों ने दावा किया है कि ये कार्य मनपा बजट में शामिल हैं। जोगेश्वरी के वॉर्ड नंबर ७३ के लिए सबसे ज्यादा १४ टेंडर जारी किए गए हैं।
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई महानगरपालिका में चुनाव न कराकर राज्य की भ्रष्टाचारी शिंदे सरकार बड़े पैमाने पर टेंडर घोटाला कर रही है। इसका जीता- जागता प्रमाण मुंबई महानगरपालिका में देखने को मिल रहा है। पिछले १० दिनों में मनपा ने शौचालयों की मरम्मत और खेल के मैदानों को संवारने जैसे वॉर्ड स्तर के कार्यों के लिए ११.२५ करोड़ रुपए के १२५ टेंडर आमंत्रित किए हैं। भाजपा और शिंदे गुट के प्रभुत्व वाले वॉर्डों को सबसे अधिक टेंडर जारी किए गए हैं, इनमें भाजपा के प्रभुत्त्व वाले वॉर्ड में ७५ और और शिंदे गुट के क्षेत्र में १९ टेंडर जारी किए गए हैं। अंधा बांटे रेवड़ी अपनों को देता जाए, जैसी कहावत यहां पर चरितार्थ हो रही है। इस सरकार ने आगामी चुनाव को देखते हुए सिर्फ अपने लोगों को ही लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से टेंडर जारी किया है।
बता दें कि मनपा के आंकड़ों के अनुसार, प्रत्येक टेंडर की औसत लागत ९ लाख रुपए है। सूत्रों ने दावा किया है कि ये कार्य मनपा बजट में शामिल हैं। जोगेश्वरी के वॉर्ड नंबर ७३ के लिए सबसे ज्यादा १४ टेंडर जारी किए गए हैं। इस वॉर्ड का प्रतिनिधित्व शिंदे गुट के सदस्य प्रवीण शिंदे करते थे। मनपा ने जोगेश्वरी के वॉर्ड नंबर ७७ के लिए नौ टेंडर जारी किए हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बाला नार इस वॉर्ड के पूर्व नगरसेवक हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सांसद रवींद्र वायकर के सुझाव के अनुसार निधि आवंटित की गई है।
वॉर्ड नंबर २० में १२
निविदाएं की गई जारी
-चारकोप में १० टेंडर जारी
मनपा ने कांदिवली पश्चिम में वॉर्ड नंबर २० के लिए १२ निविदाएं जारी कीं, जिसका प्रतिनिधित्व भाजपा नेता दीपक तावडे करते थे। चारकोप में ३० काम के प्रस्ताव थे, जिसमें १० टेंडर जारी किए गए। मनपा ने कुर्ला विधानसभा क्षेत्र के लिए १० टेंडर जारी किए, जिसका प्रतिनिधित्व शिंदे गुट के नेता मंगेश कुडलकर करते हैं। शिंदे गुट के दिलीप लांडे के प्रतिनिधित्व वाली चांदिवली विधानसभा सीट के लिए चार टेंडर जारी किए गए।
मनपा में पूर्व नगरसेवक व विपक्ष नेता रहे रवि राजा ने मनपा के इस कृत्य का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मुंबई के अन्य क्षेत्रों में भी साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण के कार्य की जरूरत है, लेकिन मनपा के लोग यह टेंडर सिर्फ और सिर्फ उनके प्रभुत्त्व वाले क्षेत्र में ही जारी कर रहे हैं। जहां भाजपा और शिंदे गुट के नेताओं को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य है। यह गलत है। इस तरह से मनपा मनमानी नहीं कर सकती है।