मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
देशभर में एक के बाद एक ट्रेन पलटने की नाकाम कोशिश के मामले आ रहे हैं। हर बार लोको पायलटों (रेल ड्राइवरों) की सजगता से हादसा होने से तो बच जा रहा है। इसके पीछे जो लोग लगे हैं, उन तक देश की सुरक्षा एजेंसियां नहीं पहुंच पाई हैं। यह समस्या भारतीय गृह मंत्रालय के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। समय रहते यदि खुफिया एजेंसियों की पकड़ में ऐसे अराजक तत्व व देश विरोधी मुहरे नहीं आए आने वाले दिनों में रेल यात्रा बहुत जोखिम भरा मार्ग बन जाएगा।
कल सुबह ५.५० बजे दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग के महाराजपुर के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर छोटा वाला एक गैस सिलिंडर मिला है, जिसके टकराने से बड़ा हादसा हो सकता था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नॉर्थर्न सेंट्रल रेलवे के प्रयागराज डिवीजन के पेरंबूर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर एलपीजी का छोटा सिलिंडर मिला। यहां से मालगाड़ी गुजरने वाली ही थी कि लोको पायलट ने उससे पहले ही मालगाड़ी को रोक दिया, जिसकी वजह से एक बड़ा हादसा टल गया। घटना स्थल कानपुर देहात जिले की सीमा में आता है।
बीते ८ सितंबर को कानपुर में रेल पटरी पर सिलिंडर, बारूद, माचिस रख कर कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की नाकाम कोशिश की। एनआईए, यूपी एसटीएफ व एटीएस, जीआरपी, आरएएफ, आईबी और एलआईयू जांच कर खाली हाथ मल रहे थे कि देश विरोधी तत्वों ने कानपुर में फिर से रेल पटरी पर सिलिंडर रख कर ट्रेन पलटने की नाकाम साजिश को अंजाम दे दिया। इसके बाद १० सितंबर को राजस्थान के अजमेर में मालगाड़ी को पलटाने की साजिश सामने आई थी। कानपुर और अजमेर के बाद महाराष्ट्र के सोलापुर में भी मालगाड़ी को पलटाने के लिए सीमेंट का पत्थर रखा गया था।