मुख्यपृष्ठनए समाचारपटरी पर पत्थर रखना राजद्रोह! लग सकती है फांसी

पटरी पर पत्थर रखना राजद्रोह! लग सकती है फांसी

कानून में बदलाव पर विचार कर रही है रेलवे
ट्रेन को रोजाना डिरेल करने की रची जा रही है साजिश
कानून सख्त करने पर रेल मंत्रालय में गंभीर मंथन जारी
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों रोजाना देश के विभिन्न हिस्सों में रेल की पटरियों पर पत्थर, लोहे, गैस सिलिंडर, लोहे के खंभे जैसी चीजें रख दी जा रही हैं ताकि ट्रेन को डिरेल किया जा सके। ट्रेन दुर्घटनाओं में कई यात्रियों की मौत हो जाती है। ऐसे में रेलवे अब रेल पटरी पर पत्थर रखने को राजद्रोह की श्रेणी में रखने के लिए कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही कानून में फांसी का प्रावधान भी किया जा सकता है।
बता दें कि कानपुर में एक बार फिर से ट्रेन हादसा करने की साजिश रची गई। दरअसल, दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर महाराजपुर के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर छोटा गैस सिलेंडर मिला है। बीते कुछ दिनों में रेल पटरियों पर लोहे के रॉड, बोल्डर, सिलेंडर रखकर बड़े हादसे करने की साजिश के कई मामले सामने आए हैं। इसके पीछे आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई गई। अब रेल हादसे की साजिश रचने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाएगा। इसके लिए रेलवे अधिनियम में बदलाव किया जाएगा। इस बारे में जल्द अधिसूचना भी जारी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अगर कोई आरोपी ऐसी कोई साजिश रचता है, जिससे यदि कोई हादसा होता है, तो आरोपी के खिलाफ सामूहिक हत्या की धारा भी लग सकती है। इसके तहत उम्रवैâद से फांसी तक का प्रावधान हो सकता है। इसे लेकर भी अधिसूचना जारी की जा सकती है।
५७ दिन में २२वीं घटना
कल रविवार सुबह ६ बजे कानपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास गुड्स ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई। ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। लोको पायलट ने सिलेंडर देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को सिलेंडर से १० फीट पहले ही रोक लिया। बता दें कि देश में ट्रेन को बेपटरी करने की यह ५७ दिन में २२वीं साजिश है। उत्तर प्रदेश में ३८ दिनों में ये ५वीं घटना है। इससे पहले कानपुर में ८ सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद रखा मिला था। २० सितंबर को सूरत में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ की गई थी। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है।
रेल इंजनों पर वैâमरे
संवेदनशील स्थानों और रेल इंजनों पर वैâमरे लगाए जाएंगे। इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी। दरअसल, मौजूदा प्रावधानों में रेलवे अधिनियम १९८९ की धारा १५१ के तहत रेल हादसे की साजिश साबित होने पर अधिकतम १० साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। अब इस अधिनियम में उपधारा जोड़कर इसे देशद्रोह की श्रेणी में लाने की तैयारी की गई है।

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