सामना संवाददाता / मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की कानून व्यवस्था बेहाल हो चुकी है। अपराधी तत्व बेखौफ हो चुके हैं। मारपीट और फायरिंग से लेकर रेप, मर्डर तक की घटनाएं आम हो चुकी हैं। राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पुलिस शहर में होनेवाले अपराधों के प्रति उदासीन है। वह आंखें मूंद कर सो रही है। शहर में बढ़नेवाले अपराधों का ग्राफ इसका उदाहरण है। अब एक हालिया मीडिया रिपोर्ट ने चौंका दिया है। इसके अनुसार मुंबई के बच्चे इन दिनों भगवान भरोसे हैं। वे कब गायब हो जाएं कहा नहीं जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई महानगर से रोज करीब १० मासूम बच्चे गायब हो रहे हैं। यही नहीं, ७ महीने में २,२८५ मासूम शहर से गायब हो चुके हैं।
बता दें कि मुंबई एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का व्यवसायिक शहर है। यह शहर केंद्र सरकार को आनेवाले राज्स्व में १५ फीसदी का योगदान देता है। मगर इस शहर की विकास योजनाओं को गति देने की बजाय डबल इंजिन की सरकार मुंबई और महाराष्ट्र का हक छीनकर पड़ोसी गुजरात व अन्य राज्यों को दे रही है। इसके तहत कई उद्योग दूसरे राज्यों में चले गए। जब डबल इंजिन सरकार का ध्यान ऐसे पक्षपात में व्यस्त रहेगा तो कानून व्यवस्था की ओर ध्यान देने की फुर्सत कहां रहेगी। यही वजह है कि मुंबई के साथ ही राज्य के अन्य हिस्सों में भी अपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद हो गए हैं और हालिया दिनों में रेप की कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में मासूम बच्चों का इतनी बड़ी संख्या में गायब होना लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन पर सवालिया निशान तो लगाता ही है।
१३० फीसदी बढ़े रेप! – पेज २