शिकायत निवारण के लिए गठित की समितियां
सामना संवाददाता / मुंबई
ठाणे के बदलापुर में पिछले महीने दो नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण की दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। इसके बाद कई स्थानों से बच्चियों के खिलाफ अत्याचार के मामले सामने आए, इसे देखते हुए अब शिक्षा विभाग नींद से जाग गया है और हर स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीरता से ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस उद्देश्य से विभिन्न सेवाओं, सुविधाओं, विद्यालय सुरक्षा, आवश्यक व्यवस्थाओं एवं शिकायत निवारण हेतु समितियों का गठन किया गया है। इसमें छात्र सुरक्षा समिति के साथ ‘सखी- सावित्री समिति’ की स्थापना की गई है इसलिए अब छात्रों की सुरक्षा सखी-सावित्री करेंगी।
स्कूलों में चलाई जा रही हैं गतिविधियां
समूह शिक्षा अधिकारी, प्रशासन अधिकारी, महिला एवं बाल कल्याण विभाग और पुलिस प्रशासन ‘गुड टच, बैड टच’ पहल के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए प्रधानाध्यापकों की एक संयुक्त बैठक कर रहे हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण गतिविधियां भी क्रियान्वित की जा रही हैं। वहीं विद्यालय परिसर में सीसीटीवी इंस्टॉल करने, सखी-सावित्री समिति, छात्र सुरक्षा समिति आदि द्वारा गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही हैं।
क्या करेगी ‘सखी-सावित्री’ समिति?
वर्तमान में यह सखी समिति इसलिए बनानी पड़ी है, ताकि छात्राएं निर्भय होकर विद्यालयों में घूम सकें। यह समिति स्कूल न जाने वाले बालक-बालिकाओं को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कार्य करती हैं। इसके अलावा लड़के-लड़कियों और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग, शिक्षा के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी देना। बालक-बालिकाओं को वैâरियर मार्गदर्शन करना। इस समिति द्वारा बालिकाओं को आत्मरक्षा हेतु स्वतंत्र प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।
जिले के ४,७८४ स्कूलों में ‘सखी-सावित्री’
जिले में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को मिलाकर कुल चार हजार ७८४ में छात्र एवं छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनकी सुरक्षा के लिए इन सभी स्कूलों में सखी-सावित्री समिति का गठन किया गया है। छात्र एवं छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए विद्यालयों में सखी सावित्री समिति, छात्र सुरक्षा समितियों की स्थापना की गई है। उनके कार्य के अनुसार गतिविधियां की जाती हैं। छात्रों के लिए शिकायत बॉक्स गतिविधि शुरू की गई है।
– शिक्षा विभाग, जिला परिषद ठाणे