-उपचुनाव के लिए कौशांबी में की रैली
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
देश की मोदी सरकार अल्पमत में हैं और यह बात उसके सहयोगी दल अच्छी तरह से जानते हैं। उनके दोनों सहयोगी बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू हैं, जो बीजेपी को समर्थन देने के लिए अच्छी कीमत वसूल रहे हैं। बैसाखी के सहारे चलनेवाली मोदी की `मजबूर’ सरकार आगे कितने दिन चलेगी इसका तो पता नहीं है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आनेवाले दिनों में एनडीए सरकार में कुछ भी हो सकता है। इसका डर भाजपा को समय-समय पर सता रहा है। जहां एक ओर हाल ही में नीतीश कुमार ने सीएम पद को छोड़कर बीजेपी नेताओं को दबाव में लेकर यह एलान कर दिया है कि जब भी बिहार में चुनाव होंगे, उसका नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे। उनके इस एलान के बाद बीजेपी वैसे भी टेंशन में आ गई है, वहीं दूसरी ओर अब मोदी के `हनुमान’ कहे जानेवाले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवन ने अपनी अगली चाल चल ली है। इसी कड़ी में उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में अपने कदम बढ़ा रही है। दरअसल, पार्टी ने यूपी की १० विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा हो रही है कि चिराग पासवन चोरी-चोरी, चुपके-चुपके भाजपा को बड़ा धोखा दे सकती हैं।
बता दें कि लोक लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कल कौशांबी में एक रैली की। बीजेपी के तीसरे कार्यकाल में मंत्री बनने के बाद पासवान का यह उत्तर प्रदेश में पहला दौरा है। चिराग की इस रैली में पार्टी के कई सांसदों ने हिस्सा लिया, वहीं सांसद अरुण भारतीय ने कहा कि बीजेपी से हमारा समझौता केवल लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनावों के लिए है। बीजेपी से हमारा समझौता केवल केंद्र और बिहार विधानसभा में है। उत्तर प्रदेश में हमारा कोई समझौता नहीं है। हमारे संगठन ने यहां तैयारी की है और अगर पार्टी के कुछ लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लोजपा (रामविलास) उत्तर प्रदेश विधानसभा में जरूर चुनाव लड़ेगी।