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संपादकीय : हे, सिंघम!

महाराष्ट्र के गृह मंत्री फडणवीस ने खुद को ‘सिंघम’ घोषित कर दिया है। सिंघम पर्दे पर अपराधियों का कर्दनकाल है। सिंघम दे मार शैली में लड़ाई करता है। हवा में ऊंची छलांग लगाता है। उसमें एक इमारत से दूसरी इमारत में कूदकर अपराधियों को पकड़ने का हुनर है। महाराष्ट्र के ‘स्वयंभू’ सिंघम ने बदलापुर केस के आरोपी अक्षय शिंदे को मार डाला और पूरे महाराष्ट्र में इस सिंघम के पोस्टर छा गए। अब इस सिंघम ने एलान किया है, ‘सिंघम की भूमिका से मैं अभिमन्यु की भूमिका में आ गया हूं और मैं महाराष्ट्र का अभिमन्यु हूं। मैं चक्रव्युह तोड़कर बाहर आऊंगा।’ यह सब मजेदार है। दो दिन बाद ये स्वयंभू सिंघम यानी फडनवीस खुद को हनुमान, भीम, जटायु के रूप में देखेंगे। वे यह भी कहेंगे कि अयोध्या का राजा मैं ही था। फडणवीस ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्योंकि उनके अपनों ने ही उनको अभिमन्यु बना कर उन्हें चक्रव्यूह में फंसा दिया है। जो इंसान महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था कायम नहीं रख सकता, वह खुद को अभिमन्यु आदि घोषित कर देता है इसे अति कहा जाना चाहिए। कुछ भी नहीं कर पाने के कारण ‘सिंघम’ उर्फ फडणवीस फिलहाल नट के माफिक तरह-तरह की भूमिकाएं निभा रहे हैं। इस सिंघम ने बदलापुर के अक्षय शिंदे को मार डाला, लेकिन यह सिंघम अभी भी उस शिंदे के असली संरक्षक आप्टे, कोतवाल आदि तक बिल्कुल नहीं पहुंच सका। शिंदे को मारने के बाद सिंघम की खाकी पोशाक में फडणवीस हर जगह नजर आए, लेकिन मुख्यमंत्री शिंदे ने एलान कर दिया कि फडणवीस नहीं बल्कि मैं असली सिंघम हूं। तो अब महाराष्ट्र को दो जुड़वां सिंघम मिल गए हैं। एक एनकाउंटर के चलते शासकों को सिंघम का पद मिला, इसके बावजूद इन दोनों सिंघमों के काल में बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार की दर में वृद्धि हुई। फिर ये सभी बलात्कारी ‘सिंघम’ पार्टी से संबंधित हैं। नालासोपारा में भाजपा के एक पदाधिकारी श्रीवास्तव द्वारा एक युवती को बेहोशी की दवा पिलाकर उसके साथ बलात्कार किए जाने की घटना गंभीर है। इस रेपिस्ट की तस्वीरें भाजपा के पॉर्न स्टार और नए सिंघम के साथ सामने आई थीं। चूंकि यह बलात्कारी भाजपा का लाडला है, इसलिए भाजपा की सभी महिला सिंघम चुप हैं। अक्षय शिंदे की तरह नालासोपारा के रेपिस्ट को गोली मारनी चाहिए, ऐसा सिंघम को नहीं लगता। पुणे के कोरेगांव में एक कॉलेज छात्रा के साथ दो लोगों ने बलात्कार किया और उसकी नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं। ये सब मादक पदार्थ के नशे में हुआ। उन युवकों का अपराध बदलापुर के अपराध जितना ही भयानक है। लेकिन इन दोनों अपराधियों के बाप फडणवीस के भाजपा से संबंधित वजनदार लोग हैं। इसलिए फडणवीस के भीतर का सिंघम नहीं जागा। नालासोपारा और कोरेगांव पुणे के बलात्कारियों को अभय और अक्षय शिंदे का एनकाउंटर, ये वैâसा न्याय है? कोरेगांव रेप मामला एक नाबालिग लड़की का है। उसकी फोटो जारी कर उसकी जिंदगी बरबाद कर दी गई। इसलिए राज्य के दोनों सिंघम साहबों को अपने हाथों में बंदूक लेकर इन अपराधियों को खत्म कर देना चाहिए। तभी ‘बदला’ पूरा कहा जा सकता है। पुणे का पुलिस कमिश्नर एक नंबर का घटिया और ‘संघ’ विचारों वाला निलज इंसान है। ये साहब कमिश्नर कम और भाजपा के प्यादे के तौर पर ज्यादा काम कर रहे हैं। उन्होंने पोर्शे कार मामले को दबाने की कोशिश की। उनके कार्यकाल के दौरान पुणे में नशीले पदार्थ की तस्करी, हत्या, खुली सड़क पर गैंगवार और बलात्कार जैसे अपराधों में इजाफा हुआ है। लेकिन सरकार के संरक्षण के कारण पुणे के पुलिस कमिश्नर का बाल भी बांका नही हुआ। सिंघम कम अभिमन्यु साहब ने राज्य की महिला वर्ग को ही चक्रव्यूह में फंसा दिया है और बाहर से भाजपा के दुर्योधन अबलाओं की चीखों का मजा ले रहे हैं। जब देश के गृहमंत्री नासिक में थे, नासिक में बलात्कार होता है। जब प्रधानमंत्री पुणे आ रहे होते हैं तो पुणे में बलात्कार होते हैं। फडणवीस जहां भी जाते हैं, वहां बलात्कार और महिला उत्पीड़न का दौर जारी रहता है और गृह मंत्री फडणवीस अब यह सब रोकने के बजाय फिल्म ‘धर्मवीर-३’ की कहानी लिखने बैठ रहे हैं। महर्षि व्यास ने महाभारत लिखी, वाल्मिकी ने रामायण लिखी। अब महाराष्ट्र के स्वयंभू सिंघम ‘धर्मवीर-३’ लिखने जा रहे हैं। शासक अपना काम छोड़कर यह स्टंटबाजी कर रहे हैं और राज्य में अपराधी और बलात्कारी आजाद घूम रहे हैं। इन लोगों ने मंत्रालय और सरकारी बंगलों को ‘फिल्म सिटी’ यानी चित्रनगरी बना दिया है। भाजपा में कई ‘खलनायक’ हैं जिन पर कथा-पटकथा लिखी जा सकती है। फडणवीस को उन विषयों को छूना चाहिए। गृह मंत्री फडणवीस सिंघम, अभिमन्यु के साथ-साथ कथा-पटकथा लेखक सलीम-जावेद भी बनना चाहते हैं। एक साथ दस काम करने के चक्कर में वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं और महाराष्ट्र की आबरू के चीथड़े उड़ रहे हैं। राज्य के इस नए सिंघम साहेब को नालासोपारा और कोरेगांव के बलात्कारियों को भी ‘बदला’ पुर का न्याय देना चाहिए, वरना आपका सिंघम केवल पोस्टर पर ही रह जाएगा!

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