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शिंदे-भाजपा सरकार की महाराष्ट्र को अडानी की झोली में डालने की साजिश! संजय राऊत का जोरदार प्रहार

सामना संवाददाता / मुंबई
अडानी का सपना महाराष्ट्र को निगलने वाला है। उसकी अब शुरुआत हो गई है। विदर्भ में कई जगहों पर अडानी के बोर्ड नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी अडानी के एजेंट की तरह काम करते हैं। हालांकि, जब तक महाराष्ट्र में हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना और शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे जैसे नेता हैं, तब तक अडानी के महाराष्ट्र को निगलने के सपने को पूरा नहीं होने देंगे। इस तरह का जोरदार प्रहार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया है।
मीडिया से बातचीत में संजय राऊत ने कहा कि मालवण में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के काम में भ्रष्टाचार हुआ। निकृष्ट काम के कारण प्रतिमा ढह गई। मुख्यमंत्री कहते हैं कि ४५ घंटे प्रति किमी की रफ्तार से हवा चली, जिससे प्रतिमा गिरी। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिमा के निर्माण में बहुत ही घटिया दर्जे की सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ ही प्रतिमा निर्माण करते समय उचित प्रबंध नहीं किया गया था। संजय राऊत ने यह भी कहा कि अब यह बात सामने आई है कि प्रतिमा में घटिया सामग्री की जंग लगने के कारण प्रतिमा गिरी थी।
इस देश को अडानी संभाल रहे हैं। अब धीरे-धीरे छत्रपति शिवराय के महाराष्ट्र को अडानी की झोली में डालने की साजिश घाती, फडणवीस और अजीत पवार की है। ये छत्रपति का महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र को चांदा से बांदा कहा जाता है। इसमें चांदा चंद्रपुर है। अब इस चांदा से महाराष्ट्र अडानी की झोली में डालने का सिलसिला शुरू हो गया है। यह सिर्फ चंद्रपुर में एक स्कूल को अडानी को सौंपने का मामला नहीं है। वे बांदा के जरिए महाराष्ट्र को निगलना चाहते हैं। धारावी प्रोजेक्ट के जरिए मुंबई अडानी की झोली में डाले जाने की राह पर है। विदर्भ में कई जमीनों पर अडानी के बोर्ड लगाए गए हैं। संजय राऊत ने यह भी हमला बोला कि स्कूल, कॉलेज, कई इमारतें अडानी के पास चली जाएंगी और मुख्यमंत्री दिल्ली के जूते चाटेंगे।
वोट पाने के लिए योजना पर लगा दिया गया सारा पैसा
लाडली बहन योजना के कारण राज्य में कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं। इस योजना के चलते राज्य के सरकारी कर्मचारियों, पुलिस, होम गार्ड को वेतन मिलेगा या नहीं कोई पता नहीं ऐसी अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। चुनाव में महिलाओं का वोट पाने के लिए सारा पैसा इस योजना में लगा दिया गया है। साथ ही इस योजना का श्रेय लेने के लिए भी तीनों गुटों में होड़ मची हुई है। देवेंद्र फडणवीस ने लाडली बहनों को जो पत्र लिखा है, उसमें से योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटा दिया गया है। घाती की तस्वीरें भी हटा दी गई हैं। ये योजना मध्य प्रदेश और राजस्थान में चल रही थी। राज्य में ऐसी योजना सिर्फ चुनाव के लिए शुरू की गई है। राज्य के खजाने में पैसा न होने के कारण यह योजना केवल वोटों के लिए शुरू की जा रही है। संजय राऊत ने यह भी कहा है कि खुद मोदी ने भी सिर्फ तीन या चार किस्तें मिलने का बयान दिया है।
उम्मीदवारों और पदाधिकारियों से करेंगे बातचीत
नागपुर दौरे में शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे कुछ नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। साथ ही वे उस सीट के संभावित उम्मीदवारों और पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे, जहां से शिवसेना चुनाव लड़ने की इच्छुक है।

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