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नौकरियां पैदा नहीं कर पा रहा है भारत …आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने खोली मोदी सरकार की पोल

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
देश में बढ़ती बेरोजगारी और कम होती नौकरियों के मुद्दे पर मोदी सरकार हर बार विपक्ष के निशाने पर रही है। समय-समय पर विपक्ष मोदी के दावों को खोखला और झूठा बताते आए हैं। अब इस कड़ी में आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने भी मोदी सरकार की पोल खोली है। रघुराम राजन ने कहा, `यह बहुत ही दुखद है कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के मुकाबले नैकरियां पैदा नहीं हो पा रही हैं।
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि ७ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारत पर्याप्त मात्रा में नौकरी उत्पन्न नहीं कर पा रहा है, जैसा कि कुछ राज्यों में रिक्त पदों पर आवेदनों की संख्या से पता चला है, जो बेहद दुखद है। भारत की आर्थिक वृद्धि की दर ७ प्रतिशत होने के सवाल पर रघुराम राजन ने यह जवाब देते हुए कहा कि सरकार को रोजगार पैदा करने के लिए लेबर इंटेंसिव उद्योगों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, `भारत के उच्च आय वर्ग के लोग तो आराम में है, लेकिन आधे से भारत के लोगों की उपभोग वृद्धि अभी भी कोरोना काल से पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाई है।

सब कुछ ठीक नहीं है
अमेरिका आधारित चिकागो बूध में फाइनेंस के प्रोफेसर रघुराम राजन ने कहा, `निचले स्तर पर सब कुछ ठीक नहीं है। मुझे लगता है कि नौकरियों की बेहद जरूरत है। आप इसे देख सकते हैं।’ राजन ने आगे कहा, `आधिकारिक आंकड़ों पर न जाएं। आप देख सकते हैं कि सरकारी नौकरियों के लिए आवेदनों की संख्या लाखों में है।’ एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजन ने कहा कि मध्यम अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था ६ से ७ प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। राजन ने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू की गई अप्रेंटिसशिप स्कीम बढ़िया पहल है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस स्कीम की करीब से निगरानी करने की जरूरत है, ताकि यह पताया लगाया जा सके कि यह कितनी कारगर है।

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