मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
लखनऊ कमिश्नरेट की चिनहट पुलिस ने एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया है, जिसकी कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। पति और ससुर ने साथियों की मदद से मटियारी में बहू पूजा यादव को कार से कुचल कर मरवा डाला और हत्या को सड़क हादसा बता चिनहट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। साथ ही बीमा कंपनी में बहू की मौत के बाद इंश्योरेंस के 50 लाख रुपये के लिए क्लेम कर दिया।
जब इंश्योरेंस कंपनी को शक हुआ तो पुलिस से इस बारे में शिकायत की गई। चिनहट पुलिस की जांच में इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हुआ। पुलिस ने मंगलवार को ही मुख्य साजिशकर्ता, फर्जी चालक और वकील को चिनहट इलाके से गिरफ्तार किया है।
अयोध्या निवासी राम मिलन राज पेशे से मिस्त्री है। वह अयोध्या से लखनऊ मकान बनाने के लिए आया था। राम मिलन राज परिवारीजनों के साथ चिनहट में मटियारी में रह रहा था। इस दौरान उसकी मुलाकात रियल एस्टेट का काम करने वाले चिनहट निवासी कुलदीप से हुई। कुलदीप भांप गया था कि राम मिलन जल्दी अमीर बनना चाहता है। उसने राम मिलन के साथ मिलकर जल्द ही अमीर होने का एक प्लान बनाया। कुलदीप ने राम मिलन को बेटे अभिषेक की शादी करने को कहा। राम मिलन ने अयोध्या में बेटे की शादी के लिए पूजा यादव नाम की लड़की को खोज लिया। इसके बाद कुलदीप ने अभिषेक की शादी साल 2021 में पूजा से करवा दी।
इस संदर्भ में डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि साजिश को बिना किसी गलती के पूरा करने के लिए वकील आलोक निगम को प्लान में शामिल किया गया। अभिषेक शुक्ला नाम के व्यक्ति को चार पहिया वाहन से पूजा को कुचलने और दीपक वर्मा को सड़क हादसे की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार किया गया। इसके बाद पूजा का 50 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस करवाया गया। इंश्योरेंस में ससुराल पक्ष के लोगों को ही नॉमिनी रखा गया। साजिशकर्ताओं ने 10 लाख रुपए का लोन भी लिया। इसके अलावा चार पहिया और दो पहिया वाहन भी लोन पर उठाये। लोन का भी इंश्योरेंस कराया। पूजा की हत्या के लिए आरोपितों ने एक दोस्त से कार गोंडा जाने के लिए ली थी। कार अभिषेक चला रहा था। योजना के तहत पूजा को 19 मई 2024 को मटियारी इलाके में ले जाया गया। वहां सुनसान इलाके में ले जाकर पूजा की हत्या कर दी गई। इसके बाद राम मिलन ने चिनहट पुलिस को सूचना दी कि सड़क हादसे में उसकी बहू पूजा की मौत हो गई। आरोपियों ने हादसे वाले कार नंबर भी पुलिस को बताया था। 20 मई को आरोपी पंचायत नामे के गवाह बन गए और पुलिस ने सड़क हादसे में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
इस मामले की जांच में दीपक ने पुलिस को बताया कि हादसे के समय गाड़ी वह चला रहा था। जब पुलिस को शक हुआ तो चिनहट इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने दोबारा जांच के आदेश दिए। जब घटना के दिन की सीडीआर सामने आई तो पता चला कि, सभी आरोपी एक – दूसरे से लगातार संपर्क में थे। जहां घटना हुई सभी की लोकेशन वहीं आस – पास की थी। जब आरोपियों से अलग – अलग पूछताछ हुई तो सभी ने अलग – अलग बयान दिए। इसके बाद पुलिस ने कुलदीप, दीपक और आलोक निगम से सख्ती से पूछताछ की। जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो आरोपियों ने पूरा सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस ने राम मिलन, पूजा के पति अभिषेक की तलाश शुरू कर दी। दोनों एक अन्य आरोपी के साथ फरार हैं।