सामना संवाददाता / मुंबई
समृद्धि महामार्ग, जिसे महाराष्ट्र की विकास यात्रा का प्रतीक माना जाता है परंतु यह दुर्घटनाओं का मार्र्ग साबित होता जा रहा है। इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की संख्या और उनमें गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या में चिंताजनक इजाफा देखने को मिली है। वर्ष २०२३ के जनवरी से अगस्त माह तक इस महामार्ग पर १२ सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें कुल ३० लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। लेकिन वर्ष २०२४ के इसी अवधि में दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर १५ हो गई और गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या ३९ तक पहुंच गई है।
यह वृद्धि सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियमों के प्रति उदासीनता को उजागर करती है। समृद्धि महामार्ग को तेज और सुरक्षित यात्रा के लिए बनाया गया था, लेकिन दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या इस दावे पर सवाल खड़ा करती है। महामार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाओं के पीछे ड्राइवरों की लापरवाही, ओवरस्पीडिंग, ट्रैफिक नियमों का पालन न करना और आपातकालीन सेवाओं की अपर्याप्तता जैसे कारण नजर आ रहे हैं। इन गंभीर हादसों ने कई परिवारों को गहरा सदमा पहुंचाया है और सरकार तथा प्रशासन की ओर से किए जा रहे सुरक्षा उपायों की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। सड़क सुरक्षा के नाम पर जितना दावा किया जा रहा है, उसके बावजूद दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जो सिस्टम की कमजोरी को दर्शाता है। सरकार को इस महामार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। सड़क पर यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना, वाहनों की गति पर नियंत्रण रखने के लिए वैâमरे लगाने और गश्त बढ़ाने जैसी आवश्यक कदमों की तत्काल आवश्यकता है।