-डीन के विरोध से भ्रष्ट लॉबी के मंसूबों पर फिरा पानी
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कई सालों से नायर अस्पताल के भूखंड पर कुछ राजनीतिक नेताओं की वक्रदृष्टि थी। इतना ही नहीं भूखंड को उक्त नेताओं की झोली में डालने की कोशिशें तेज हो गई थीं, लेकिन मैंने इसकी खिलाफत करते हुए अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। इससे नेताओं के मंसूबों पर पानी फिरने लगा था। ऐसे में अस्पताल में ही मेरे खिलाफ असंतुष्ट-भ्रष्ट लॉबी सक्रिय हो गई थी। वे मेरा तबादला कराने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए। इसमें आखिरकार वे सफल भी हो गए हैं। इस तरह का सनसनीखेज आरोप कूपर के डीन डॉ. सुधीर मेढ़ेकर ने लगाया है।
उल्लेखनीय है कि नायर अस्पताल में डीन की जिम्मेदारी संभालते ही डॉ. सुधीर मेढ़ेकर ने कुछ समानांतर गैर सरकारी कार्य प्रणालियों को पलट दिया था। इसके साथ ही कई अनुशासनात्मक प्रशासनिक परिवर्तन करना शुरू कर दिया।
उन्होंने प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के गठजोड़ को तोड़ने का भी प्रयास किया। डॉ. मेढ़ेकर के मुताबिक, इस परिवर्तन से एक असंतुष्ट भ्रष्ट लॉबी ने उनके खिलाफ काम करना शुरू कर दिया, क्योंकि उनका हित दांव पर लग गया था। उनका एकमात्र उद्देश्य मेरा तबादला कराना था। उनका साथ, जिनके अनैतिक कार्यों पर लगाम लग गया था। डॉ. मेढ़ेकर के मुताबिक, मार्च २०२४ में एक छात्रा ने एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, यह शिकायत मुझे सूचित किए बिना एक आंतरिक समिति को सौंपी गई थी। इस बात की जब जानकारी हुई तो मैंने तुरंत एसोसिएट प्रोफेसर का आंतरिक रूप से तबादला कर दिया, साथ ही रिपोर्ट प्रशासन के संबंधित अधिकारियों को भेज दी। इसके बाद आगे की सभी कार्रवाई और प्रक्रियाएं बिना किसी देरी के की गर्इं। इस बीच मुख्यमंत्री के आदेश पर डॉ. मेढ़ेकर का तबादला कर दिया गया।
वरिष्ठ महिला चिकित्सा अधिकारी समेत ४ निलंबित
नायर अस्पताल के डीन डॉक्टर सुधीर मेढ़ेकर का आखिरकार मंगलवार को मनपा प्रशासन ने तबादला कर दिया। हालांकि, तबादले का आदेश मिलने से पहले डॉ. मेढ़ेकर ने अपने विरोधी ४ अधिकारियों और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई कर दी। इसमें वरिष्ठ महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. सारिका जांभोरे, एक सहायक वैद्यकीय अधिकारी और २ लिपिकों का समावेश है। डॉ. जांभोरे पर महात्मा ज्योतिराव फुले जनस्वास्थ्य योजना के सीएमएस सेवा बिल बकाया रखने का आरोप है। हालांकि जांभोरे ने स्पष्टीकरण दिया है कि डीन के हस्ताक्षर के बिना कोई भी बिल मंजूर नहीं होता है।
यौन शोषण में दोषी का सायन अस्पताल में तबादला
नायर अस्पताल की छात्रा के यौन शोषण मामले में दोषी पाए गए फॉर्माकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. सचिन सातपुते के सायन अस्पताल में प्रस्तावित तबादले का सायन समेत सभी अग्रणी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कड़ा विरोध किया है। छेड़छाड़ के आरोपों सहित कदाचार के मामलों में प्रोफेसर की संलिप्तता ने छात्रों में उनके व्यवहार को लेकर भय और चिंता पैदा कर दी है, इसलिए उन्होंने मांग किया है कि डॉ. सातपुते का तबादला करने की बजाय निलंबन किया जाए।