मुख्यपृष्ठनए समाचारमंत्री बृज बिहारी के हत्यारे ...शिवप्रकाश के साथी को उम्रकैद!

मंत्री बृज बिहारी के हत्यारे …शिवप्रकाश के साथी को उम्रकैद!

सुशील राय
बिहार के पूर्व राज्य मंत्री, आरजेडी नेता बृज बिहारी प्रसाद के हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला समेत दो को उम्रवैâद की सजा सुनाई है। वहीं पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और राजन तिवारी समेत बाकी आरोपियों को इस केस से बरी कर दिया गया है। १३ जून १९९८ को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में भर्ती बृज बिहारी की यूपी का माफिया शिवप्रकाश शुक्ला ने हत्या कर दी थी। बृज बिहारी प्रसाद पर देवेंद्र दुबे की हत्या का आरोप था। बता दें कि मुन्ना शुक्ला बाहुबली नेता हैं। लोकसभा चुनाव २०२४ में वह वैशाली लोकसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उनको हार का सामना करना पड़ा था। मुन्ना शुक्ला लंबे समय से राजनीति में हैं। वैशाली जिले के लालगंज से विधायक भी रह चुके हैं। उनके भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला की अपराध की दुनिया में कभी तूती बोलती थी। बृज बिहारी प्रसाद की हत्या क्यों हुई, किसने करवाई और किसने की इस सवाल का जवाब पूर्व आईपीएस, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट राजेश पांडेय की किताब `वर्चस्व’ साफ तौर पर मिल जाता है। पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, जो मोकामा के एक किसान परिवार में जन्म लेकर एक बाहुबली नेता के रूप में पहचान बनाई।
वर्चस्व के पेज नं.१६८ पर वर्णित इस वाक्यांश को पढ़ें, `श्रीप्रकाश अपने साथियों के साथ पटना पहुंचा, वहीं सूरजभान सिंह उससे मिले। बातचीत के दौरान सूरजभान शिवप्रकाश के कहने लगे कि किस तरह बृज बिहारी प्रसाद मुन्ना शुक्ला के पीछे पड़ गया है। वह सरकार में है और लालू यादव की कैबिनेट का सबसे ताकतवर मंत्री है।’ अब तो कहानी क्लीयर हो गई होगी कि बृज बिहारी प्रसाद की हत्या की कहानी कब और किसने लिखी।
खैर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। इस मामले में बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कोर्ट का पैâसला बताते हुए कहा कि इसे सभी को मानना होता है। उन्होंने कहा है, `न्यायालय का मामला है। माननीय न्यायालय का जो पैâसला होता है, उसको सबलोग मानते हैं। हमलोग भी उसका आदर करते हैं। जो न्यायालय का पैâसला है वो न्यायालय का फैसला है।’

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